Friday, July 25, 2025
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कभी ‘सुसाइड स्पॉट’ के नाम से मशहूर था तेलंगाना का यह गांव; अब कैसे बना जीवन रक्षक, 300 लोगों की बचाई जान

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में स्थित यामचा गांव ने लगभग 300 लोगों को आत्महत्या करने से बचाया है। गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोदावरी नदी का पुल कभी सुसाइड प्वाइंट के नाम से जाना जाता था। मगर अब गांव वालों की पहल के कारण यहां लोगों की जान बचाई जाती है।

तेलंगाना के निजामाबाद जिले में स्थित यामचा गांव अचानक सुर्खियों में आ गया है। इस गांव में रहने वाले लोगों ने लगभग 300 लोगों को आत्महत्या करने से रोका है। कभी ‘सुसाइड स्पॉट’ के नाम से मशहूर यह गांव अब लोगों की जिंदगी बचाने के लिए जाने जाता है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार गांव से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर गोदावरी नदी बहती है। इस नदी पर बसारा पुल बना है, जहां से कूदकर लोग अक्सर अपनी जान दे देते थे। मगर पिछले साल से आत्महत्या का यह सिलसिला अब थमने लगा है।

हमेशा सतर्क रहते हैं गांव के लोग

नवीपेट पुलिस स्टेशन के अधिकारी ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, “गांव के लोगों ने पिछले कुछ सालों में कम से कम 300 लोगों को आत्महत्या करने से रोका है। गांव के लोग इसे लेकर बेहद सतर्क रहते हैं।”

पुलिस के अनुसार,

“बसारा पुल गांव से 1 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव के लोग बेहद चौकन्ने रहते हैं। जब भी कोई संदिग्ध शख्स आत्महत्या के लिए पुल पर पहुंचता है, गांव के लोग उसकी कोशिश को नाकाम कर देते हैं।”

गांव के लोग करते हैं काउंसलिंग

पुलिस ने बताया कि गांव के लोग आत्महत्या की कोशिश करने वाले व्यक्ति की काउंसलिंग करते हैं और फिर पुलिस को फौरन इसकी सूचना देते हैं। पुलिस भी फौरन मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को हर संभव मदद दिलाने की कोशिश करती है।

महाराष्ट्र के लोग भी करते थे सुसाइड

अधिकारियों के अनुसार, एक समय पर बसारा पुल सुसाइड स्पॉट के रूप में जाना जाता था। यहां न सिर्फ निजामाबाद और निर्मल टाउन बल्कि महाराष्ट्र तक से लोग जिंदगी से हताश होकर आत्महत्या करने आते थे। ऐसे में अगर कोई नदी में डूब भी जाता था, तो गांव के लोग तुरंत एक्सपर्ट स्वीमर्स को बुलाकर आत्महत्या करने वाले रेस्क्यू कर लेते थे।

तैराकी में माहिर हैं गांव के कई लोग

गांव के पूर्व सरपंच प्रवीन ने बताया कि आत्महत्या से जुड़ी कोई भी जानकारी मिलने के बाद वो फौरन एक वॉइस मैसेज भेजते हैं और मैसेजिंग ग्रुप में मौजूद लोग तुरंत मौके पर पहुंच जाते हैं। गांव के कई लोग बेहतरीन तैराकी जानते हैं, जो कई बार नदी में डूबने वाले लोगों की जान बचा लेते हैं।

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