यह आखिरी चेतावनी है, नही सुधरे तो कार्रवाई के लिए तैयार हो जाओ- डिप्टी सीएम बृजेश

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अवधनामा संवाददाता

आम आदमी की तरह अस्पताल पहुंच गए उपमुख्यमंत्री
अचानक पहुंचे तो खुल गई पोल, जमकर लगाई फटकार
बाराबंकी। सूबे के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक एक आम आदमी की तरह मुंह पर मास्क लगाए जिला अस्पताल के भीतर दाखिल हुए और खड़े हो गए पर्चा बनाने की लाइन में। इसके बाद वह असल रूप में आये और लगे एक एक कोने का निरीक्षण करने। खबर फैली तो पहले सीएमएस फिर सीएमओ हांफते हुए पहुंचे और उनके साथ हो लिए। डिप्टी सीएम बिना बताए अचानक आये इसलिए कोई तैयारी नही हो सकी और कलई खुलती चली गई। अधिकारियों का अंदरूनी नेटवर्क भी आज फेल हो गया। निरीक्षण के दौरान ढेरों कमियां सामने आई, हड़कम्प मचा रहा। उन्होंने अधिकारियों को समझाने के साथ ही जमकर फटकार भी लगाई। अपने बीच उपमुख्यमंत्री को इस कदर आम रूप में पाकर लोगबाग चकित भी हुए और उनके रवैये को सराहा भी।
डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक सोमवार को अचानक बाराबंकी जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने पूरे अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री की आने की सूचना मिलते ही सीएमएस डॉ बृजेश कुमार मौके पर पहुंचे, कुछ देर बाद सीएमओ भी आए। कितने दिन से यहां सफाई नहीं हुई, सवाल करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक कार से उतरते ही सबसे पहले वार्ड की तरफ गए। वहां उन्होंने हर तरफ गंदगी और दीवारों पर जाले लगे देखे। जाले देखकर स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमएस को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप सफाई कर्मचारियों को पैसा देते, लेकिन काम नहीं करवाते। यहां कितने दिनों से सफाई नहीं हुई है। उन्होंने बंद पड़ी मशीनों को लेकर डॉक्टर को फटकार लगाई। कहा कि जो यूज नहीं करना है उसको स्टोर में रखो। उन्होंने कहा कि जब हम कोई मशीन अपने घर और अस्पताल के लिए खरीद कर लाते हैं तो उसकी जांच करते हैं। उसको पैक करके नहीं रखते। आपने इसको अभी तक क्यों नहीं खोला। आपके काम से मैं बहुत दुखी हूं। हर तरफ यहां दवाई क्यों फैली है। ये अस्पताल है या ? जो सामान यूज का नहीं है उसको स्टोर क्यों नहीं भेजा ? कहा कि वार्ड के पंखे जल्दी ही सही करो। स्वास्थ्य मंत्री खिड़की के पास पड़े इंजेक्शन के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि ये यहां क्यों पड़ा हुआ है। ये जनता के लिए है और ये यहां पड़ी हुई है। कौन अब इसको यूज करेगा। जो भी इसके जिम्मेदार हैं उसके पैसे काटो। उन्होंने वार्ड में खराब पड़े पंखे को भी देखा, उसको जल्द ही सही करवाने के लिए बोला। जब स्वास्थ्य मंत्री वार्ड से गुजर रहे थे तो एक मरीज के परिवार ने उनको रोक लिया। उन्होंने कहा कि साहब मेरी बेटी की फाइल नीचे दब गई है। जिसकी वजह से उसको इलाज नहीं मिल पाया। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल उनकी बेटी को इलाज देने के लिए कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने एक मरीज से इलाज के बारे में जानकारी भी ली। उसके बाद डॉक्टर से मरीज के कपड़े बदलने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इनके बाल कटवाऊ और थोड़ी इनकी सफाई भी करवाऊ, अगर आपके पास कपड़े न हों तो हम मंगवा देते हैं। ये आखिरी चेतावनी है। स्वास्थ्य मंत्री के औचक निरीक्षण से सारे डॉक्टर परेशान हो गए। कोई भी स्वास्थ्य मंत्री के सवालों का सही जवाब नहीं दे पाया। वहीं मरीजों की तरफ से भी अच्छा फीड बैक नहीं मिला। मंत्री जी ने चेतावनी देते हुए कहा कि इन सारी अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दूर करो, नहीं तो अब कार्रवाई होगी।
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