खबर के मुताबिक, इन चार में से दो बैंकों को वित्तीय वर्ष 2021-22 जो अप्रैल (April) में शुरू हो रहा है, में सेल के लिए रखा जाएगा. हालांकि अधिकारियों ने इन दोनों बैंकों का नाम नहीं बताया. सरकार पहले राउंड में मिड साइज से छोटे साइज के बैंकों को पहले प्रक्रिया में रख रही है| आने वाले वर्षों में इसके बाद देश के कुछ बड़े बैंकों की बारी आएगी. हालांकि सरकार भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) में अपनी मेजोरिटी स्टेक (Majority steak ) बनाए रखेगी. इसे स्ट्रैटेजिक बैंक के तौर पर रखेगी, ताकि रूरल क्रेडिट का अनुपालन करने में मदद मिले|
, हालांकि वित्त मंत्रालय (Finance Ministry ) के प्रवक्ता (Spokesman) ने इस मामले में कुछ भी कहने या प्रतिक्रिया देने से साफ इनकार कर दिया. अर्थशास्त्रियों (Economists ) का कहना है कि महामारी के चलते भारत पर आर्थिक सिकुड़न (Economic shrinkage ) का असर हुआ है| बैंक यूनियनों के अनुमान के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया में करीब 50,000 कर्मचारी हैं और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 33,000 कर्मचारी हैं, जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक में 26,000 कर्मचारी हैं और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में लगभग 13,000 कर्मचारी हैं|
सूत्रों (Sources ) ने कहा कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र के छोटे कर्मचारियों का निजीकरण (Privatization )करना आसान हो सकता है और इसलिए संभावित (potential) रूप से इसे सबसे पहले बेचा जा सकता है. सोमवार को श्रमिकों ने बैंकों के निजीकरण और बीमा और दूसरी कंपनियों में स्टेक बेचने के सरकार के कदम के विरोध में दो दिनों की हड़ताल शुरू की|