अवधनामा संवाददाता
फ़िरोज़ ख़ान देवबंद : (Firoz Khan Deoband) कोरोना से बचाव के लिए देशभर में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच मुकद्दस महीना रमजान भी शुरू हो रहा है। ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग असमंजस में हैं कि रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन लें अथवा नहीं।
दारुल उलूम फ़ारूक़िया देवबंद के मोहतमिम मौलाना नूर उल हुदा कासमी का कहना है कि दूसरे इंजेक्शनों की तरह कोरोना वैक्सीन भी इंजेक्शन है। रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन लेने में कोई हर्ज नहीं है। इसके लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा।मौलाना नूर उल हुदा ने इस्लाम का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि इसका खास खयाल रहे कि जो दवा या इंजेक्शन भूख मिटाने में इस्तेमाल होती हो, उसे रोजे की हालत में नहीं लिया जा सकता।नायब मोहतमिम मौलाना रहमतुल्लाह नूर क़ासमी ने कहा कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि रोजे की हालत में कोरोना वैक्सीन नहीं ली जा सकती, जो सरासर गलत है। कोरोना वैक्सीन खाने-पीने की चीज नहीं बल्कि इंजेक्शन है। इसे लगवाने से रोजे पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।