शराब का ठेका होने के चलते नशेड़ियों,आवारा लोगों का दिन भर लगा रहता है जमावड़ा,गुजरने वाली महिलाओं,किशोरियों पर करते हैं अश्लील कमेंट।
सुल्तानपुर।पुलिस लाईन से पहले रेलवे क्रासिंग से गुजरने वाली महिला व छात्राओं को ठेके के चौतरफा मजलिस करने वाली नशेड़ियों की जमात से रूबरू होना पड़ता है।
आरोपों की मानें तो पुलिस लाईन में बिजली मिस्त्री के रूप में सेवा देने वाले जसवंत सिंह ने सरकारी फरमानों को ठेंगा दिखाते हुए सरकारी भूमि पर अतिक्रमणकारियों का पनाहगार बना दिया है।ठेके के सामने अतिक्रमणकारियों का अवैध साम्राज्य गुलज़ार हो गया है।
सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमणकारियों के खौफनाक मनसूबे देखना हो तो हाई सिक्योरिटी एरिया माने जाने वाले पुलिस लाइन के रेलवे क्रासिंग के पास बखूबी देखने को मिल जाएगा।जहाँ एक तरफ पुलिस लाइन तो दूसरी तरफ शस्त्रागार, रेलवे क्रासिंग के दूसरी तरफ जिले के डंडा मार महकमें के हाकिम का आवास है।खुफिया एजेंसियों को अवैध अतिक्रमण की भनक नहीं होगी,यह कहना बेमानी होगा। वहीं आरोपों व स्थानीय वाशिंदों की मानें तो इस अवैध अतिक्रमण व इसकी चर्चा का मुख्य केन्द्र बिंदु कोई और नहीं लॉ एंड आर्डर को मेन टेन करने वाले विभाग के एक इलेक्ट्रीशियन पर है।
जिसका नाम जसवंत सिंह बताया जाता है और इन आरोपों को तो बल तब मिल गया, जब शोसल मीडिया पर एक वीडियो व फोटो वायरल हुई, जिसमें पुलिस लाइन के शस्त्रागार से अवैध अतिक्रमणकारियों को विद्युत कनेक्शन मुहैय्या कराया जाना इस बात की पुष्टि करता है कि अवैध कार्यों में संलिप्तता का दोषी जितना छांगुर बाबा है, उससे कम अवैध अतिक्रमणकारियों का पनाहगार कहा जाने वाला जसवंत सिंह की भूमिका को नहीं झुठलाया जा सकता है।
इस सिंडीकेट ने पुलिस, विद्दुत, रेलवे व पीडब्ल्यूडी समेत नगरपालिका के अधिकार क्षेत्र पर भी सवालिया निशाना खड़े कर दिए हैं।खूफिया विभाग की मौन धारणा इस प्रकरण पर इनपुट फैल्योर को बल देती नजर आ रही है। फिलहाल इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सुलतानपुर पुलिस की कमान सम्भालने के बाद जिले के मुखिया कुंवर अनुपम सिंह की पुलिसिंग ने अपराधियों के मनसूबों को कुचल कर रख दिया है।लेकिन यह तो अतीत के गर्भ में है कि अवैध अतिक्रमणकारियों के सिंडीकेट के कर्ताधर्ता कहे जाने वाले की नापाक हरकतों की कमर तोड़ने की कार्यवाही किस कदर होगी?
क्या अवैध अतिक्रमणकारियों पर होगी बुलडोजर की कार्यवाही? यह एक यक्ष प्रश्न शहरवासियों के साथ ही साथ आम नगरवासियों के मन में गुंजायमान हो चला है, आने वाले समय में तय होगा कि सरकार की प्राथमिकताएं कागजों में ही दफन होती नजर आएंगी या फिर कानून के हांथ लम्बे होते हैं को चरित्रार्थ में तब्दील किया जाएगा।