Thursday, March 6, 2025
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तीन वर्षीय बेटे को पिता ने दी मुखाग्नि तो रो पड़ा समूचा क्षेत्र

अवधनामा संवाददाता(शकील अहमद)

चाकूओं से गोदकर उसकी ही मां ने कर दी थी हत्या

चाय को लेकर देवरानी व जेठानी में हुआ था विवाद

कुशीनगर। अहिरौली थाना क्षेत्र के सेंदुरिया विशनपुर गांव में बीते गुरुवार की सुबह एक कप चाय को लेकर देवरानी-जेठानी हुई विवाद के बाद देवरानी ने इतनी बड़ी दर्दनाक घटना अंजाम दिया कि सबकी रूहे कांप उठी। गुस्से में वह इतने पागल थी कि अपने तीन साल के बेटे केशव को चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी। इसके बाद वह खुद पर वॉर कर घायल हो गयी। शुक्रवार को मासूम का शव पीएम के बाद घर पहुंचा तो परिजन बदहवाश होकर रो पड़े। मासूम का अंतिम संस्कार उसके पिता व परिवार के अन्य लोग ने कर दिया।

बता दें कि उक्त गांव निवासी आरती देवी पत्नी अजीत उम्र लगभग 26 वर्ष से गुरुवार की सुबह उसके जेठानी रूबी पत्नी रामाशीष से चाय बनाने को लेकर विवाद हो गया। गुस्से पागल आरती छत पर गयी और अपने तीन साल के मासूम बेटे केशव को चाकुओं से गोदकर हत्या कर खुद को वॉर कर लिया। इस सनसनीखेज घटना सुनकर सबकी रूहे कांप उठी थी। आरती को इतना पता नही था कि वह अपने जिगर के टुकड़े को क्षणिक भर में मौत की नींद सुला दी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद मासूम का शव गांव पहुंचा जिसके बाद शाम चार बजे उसके दादा राजनाथ यादव, दादी राजपति देवी, मृतक मासूम के पिता अजीत यादव और बड़े पिता रामाशीष यादव, बुआ अनिता धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार दाह संस्कार कर दिया। पिता अजीत यादव ने जब मुखाग्नि दी तो चीख पड़ा। संस्कार में पहुंचे ग्रामीणों भी रो पड़े। यह घटना सबको झंकझोर कर रख दिया है, शायद ही इसे कोई भुला पाए। उधर मेडिकल कालेज गोरखपुर में जीवन और मौत से जूझ रही आरती पति अजीत व अन्य परिवार के सामने चेहरा कैसे दिखायेगी, अपने ही हाथों से तीन वर्षीय बेटे को मौत के घाट उतार दिया, शायद ही जीवन मे कभी भूल पायेगी। अब पछतावे के अलावा कुछ भी रह नही गया है।

 

मेडिकल कालेज में जीवन और मौत से जूझ रही आरती

गुरुवार की सुबह एक कप चाय को लेकर देवरानी व जेठानी में हुवे विवाद के बाद देवरानी आरती ने गुस्से से पागल हो गयी। उसका गुस्सा इस कदर परवान चढ़ा कि वह अपना आपा खो बैठी और अपने जिगर के टुकड़े को चाकूओं से गोदकर उसको मौत की नीद सुला दी वहीं अपने आप पर वार कर हाथ का नश व गला काट लिया। चीख पुकार सुन परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराईच ले गए जहां हालत गंभीर देख मेडिकल कालेज गोरखपुर रेफर कर दिया जहां आरती जीवन और मौत से जूझ रही है।

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