रिवर फ्रंट साइट का विकास देख गदगद हुए नगर विकास मंत्री

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अवधनामा संवाददाता (शकील अहमद)

कुशीनगर। कुशीनगर की हिरण्यवती नदी (रिवर फ्रंट साइट) का विकास देख प्रदेश के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा  अभिभूत हो उठे। नदी किनारे विकसित मियावाकी वन, बुद्धा घाट, बोटिंग साइट, पार्क, उद्यान, लाइटिंग, फौव्वारे, बेंचेज आदि की मंत्री ने जमकर तारीफ की।
हिरण्यवती नदी पर हुए विकास कार्य को मंत्री ने नजीर बताते हुए  कहा कि इस प्रयोग को प्रदेश की अन्य निकायों को भी अपनाने के लिए वह प्रेरित करेंगे। मंत्री ने रिवर फ्रंट साइट के विकास के लिए 2 करोड़ व कुशीनगर के नगर पालिका भवन के लिए 2.25 करोड़ देने का आश्वासन दिया। कहना न होगा कि मंत्री कुशीनगर की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करने के लिये शनिवार की रात्रि मे ही कुशीनगर आ गए थे। रात्रि विश्राम के लिए कुशीनगर स्थित पथिक निवास में ठहरे मंत्री रविवार को सुबह बुद्धा घाट पहुंचे थे, जहां जिलाधिकारी एस राजलिंगम, ने मंत्री को बताया कि रिवर फ्रंट साइट को विकसित करने का श्रेय तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा व ईओ प्रेमशंकर गुप्त को है। जिलाधिकारी की बात सुन मंत्री ने ईओ की पीठ थपथपाई और हाथ मिलाकर शाबाशी दी।
मंत्री को सौंपे पत्रक में क्या लिखा है नपाध्यक्ष मालूम ही नही
नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को कुशीनगर नगरपालिका अध्यक्ष साबिरा खातून  द्वारा विभिन्न परियोजनाओं के वजट के लिए पत्रक सौपा गया। पत्रकारों ने अध्यक्ष से पूछा कि आपने किस संबंध मे मंत्री जी को पत्रक सौपा है तो  नपाध्यक्ष अगल-बगल झाकते हुए बोली ईओ साहब इसका जबाब देगें। किन्तु मौके पर ईओ मौजूद नही थे। इस पर पत्रकारो ने अपने प्रश्न को दुबारा दोहराया तो अध्यक्ष ने टैक्स वसूली करने वाले बाबू को बुलाकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल का जबाब देने के लिए कहा। बाबू ने बताया कि नपाध्यक्ष की ओर से मंत्री को सौपे गये पत्रक मे 514 पद सृजन, नगरपालिका भवन निर्माण सहित अन्य विकास की वजट की मांग की गयी है। मजे कि बात यह है कि हिरण्यवती नदी के निरीक्षण के दौरान ही मंत्री श्री शर्मा ने रिवर फ्रंट साइट के विकास के लिए दो करोड़ व कुशीनगर के नगर पालिका भवन के दो करोड़ पच्चीस लाख रुपये देने का आश्वासन दिया है। अब सवाल यह उठता है कि मंत्री को सौपे गये पत्रक को क्या नपाध्यक्ष साबिरा खातून द्वारा बिना पढे ही दिया गया। क्या नगर पालिका अध्यक्ष को यह नही बताया गया था कि वह जिस पत्रक को मंत्री को सौपने जा रही है उसमे क्या लिखा है? आखिर उस पत्रक पर नपाध्यक्ष ने हस्ताक्षर तो किया होगा फिर क्या पत्रक बिना पढे ही नपाध्यक्ष हस्ताक्षर कर दिया? और बिना यह जाने कि पत्रक मे क्या लिखा है मंत्री को सौप भी दिया? आखिरकार इसके लिए जिम्मेदार कौन है?  नपाध्यक्ष के इस कारनामे का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। मजे की बात यह है कि इस दौरान हो रहे छिछालेदर से ईओ प्रेमशंकर गुप्ता अपने को दूर रखा है।
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