बिलग्राम (हरदोई): मोहल्ला सुल्हाड़ा स्थित खानकाहे वाहिदिया तय्यविया में सूफी संत मीर अब्दुल वाहिद बिलग्रामी की याद में तीन दिवसीय उर्स वाहिदी तैय्यबी ताहिरी का आयोजन दुआओं और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। खानकाह के सज्जादानशीन हजरत सय्यद सुहैल मियां और रिजवान मियां की देखरेख में आयोजित इस उर्स में देशभर से आए अनुयायियों और विद्वानों ने शिरकत की।
शुक्रवार को सैय्यदा लॉन में शुरू हुए इस आयोजन में नामचीन शायरों ने अपने कलाम पेश किए, जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा। शनिवार शाम पांच बजे हजरत सुहैल मियां और रिजवान मियां की मौजूदगी में मीर अब्दुल वाहिद की दरगाह पर चादरपोशी की गई। इसके बाद नमाजे-ईशा के बाद वाहिदी कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आए उलेमा और विद्वानों ने लोगों को नैतिकता और अच्छे आचरण की प्रेरणा दी।
रविवार सुबह उलेमाओं की तकरीरों के बाद सय्यद सुहैल मियां ने मीर अब्दुल वाहिद बिलग्रामी, मीर सय्यद तय्यब बिलग्रामी और मीर अब्दुल जलील बिलग्रामी की जिंदगी और उनकी सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज दुनिया मुश्किल दौर से गुजर रही है। हमें अपने बुजुर्गों के दिखाए रास्ते पर चलना होगा। अच्छे अखलाक और किरदार ही इंसान को सम्मान दिलाते हैं।” उन्होंने लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करते हुए माता-पिताओं से उनकी निगरानी की अपील की और कहा, “हमारी बेटियां स्कूल जाएं, लेकिन रास्ते में भटकने से बचें। समाज में सुधार तभी आएगा जब हम अपने घर से अच्छे किरदार पैदा करें।”
सय्यद सुहैल मियां ने यह भी जोड़ा, “हम कब तक अपने पूर्वजों के नाम पर गर्व करते रहेंगे? हमें खुद अच्छे काम करने की जरूरत है।” अंत में, उन्होंने सभी अकीदतमंदों , पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और प्रशासन का दिल से आभार जताया। इसके बाद तबर्रुकात की जियारत, सलातो-सलाम और लंगर का वितरण हुआ। लोग दुआओं के साथ अपने घरों को रवाना हुए।