स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पर लटक रही बर्खास्तगी की तलवार,

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अवधनामा संवाददाता

पहले फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी और अब

28 वर्ष से सीएचसी मिल्कीपुर पर नियुक्त है फर्जी अभिलेखों के आधार पर नियुक्त है स्वास्थ्य पर्यवेक्षक

अयोध्या। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर में 28 वर्ष से एक ही स्थान पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य कर रहे डीपी यादव के फर्जीवाड़े की फेहरिस्त लगातार बढ़ती ही जा रही है। पहले फर्जी मार्कशीट के आधार पर नौकरी और अब महानिदेशक की ओर से कराई गई जांच में फर्जी नियुक्ति की रिपोर्ट आने के बाद डीपी यादव पर संकट के बदले गहराते ही जा रहे हैं। बताते चलें कि उसकी नियुक्ति को लेकर अयोध्या जनपद के विकास खण्ड अमानीगंज निवासी विपिन कुमार शुक्ला ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। जिसमें महानिदेशक परिवार कल्याण को भी पार्टी बनाया गया है। न्यायालय ने महानिदेशक से स्वास्थ्य पर्यवेक्षक डीपी यादव की नियुक्ति के बारे में जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त करने के लिए महानिदेशक ने अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अयोध्या मंडल को जांच कराकर रिपोर्ट देने के लिए कहा था। सीएमओ की ओर से गठित की गई तीन सदस्य टीम ने जांच रिपोर्ट में लीपा पोती कर महानिदेशक के यहां रिपोर्ट भेज दी। जिससे महानिदेशक संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने प्रथम नियुक्ति बताए जाने वाले जनपद हमीरपुर के सीएमओ से जांच रिपोर्ट तलब की ।सीएमओ हमीरपुर ने स्वास्थ्य पर्यवेक्षक डीपी यादव के द्वारा बताए जाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरीला ,जहां नियुक्ति बताई जा रही है ,पर जांच कराई तो उनको वहां पर किसी भी प्रकार की नियुक्ति से संबंधित सेवा अभिलेख या व्यक्तिगत पत्रावली नहीं प्राप्त हुई। हालांकि वहां पर एक अप्रैल 1993 से एक दिसंबर 1994 तक वेतन लेने की बात जरूर सामने आई है। किंतु डीपी यादव की सेवा पुस्तिका में उसकी नियुक्ति 1990 में बताए जाने का कोई प्रमाण पत्र नहीं मिला है । यदि उसकी 1990 में नियुक्ति हुई थी तो उसे वेतन 1993 से कैसे जारी होना प्रारंभ हुआ। यह सवाल अब तक अनुत्तरित हैं । फिलहाल सीएमओ हमीरपुर ने महानिदेशक को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। जिसमें यह कहा है कि डीपी यादव की नियुक्ति से संबंधित सेवा अभिलेख व व्यक्तिगत पत्रावली इस जनपद में उपलब्ध नहीं है । ऐसे में एक बात फिर डीपी यादव की ओर से की गई जालसाजी से पर्दा उठता नजर आ रहा है। अब महानिदेशक को ही फैसला करना है कि न्यायालय को क्या जवाब दिया जाएगा। डीपी यादव के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल स्वास्थ्य पर्यवेक्षक पर बर्खास्तगी की तलवार लटकती नजर आ रही है। सीएमओ अयोध्या डा संजय जैन का कहना है कि निर्णय महानिदेशक वह उच्च न्यायालय को करना है।हम इस सम्बन्ध में कुछ भी नहीं कह सकते।

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