अल्पसंख्यक दर्जे के मुद्दे पर सुप्रीमकोर्ट ने किया केन्द्र सरकार से जवाब तलब

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अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम, इसाई, सिक्ख, पारसी और बौद्ध को अल्पसंख्यक दर्जा दिए जाने के मामले को लेकर कई हाईकोर्ट में लंबित याचिकाओं के सम्बन्ध में केन्द्र सरकार से जवाब माँगा है. इन याचिकाओं में यह कहा गया है कि इन पांच समुदायों को वहां भी अल्पसंख्यक दर्जा मिला हुआ है जहाँ वे अल्पसंख्यक नहीं हैं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने गृह, विधि और अल्पसंख्यक मंत्रालयों को नोटिस जारी कर कहा है कि दिल्ली, मेघालय और गुवाहाटी हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं में इस क़ानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है. कहा गया है कि 23 अक्टूबर 1993 को अधिसूचना जारी कर मुस्लिम, इसाई, सिक्ख, पारसी और बौद्ध को देश भर में अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया था.

यह याचिकाएं दायर करने की ज़रूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पंजाब में सबसे ज्यादा संख्या सिक्खों की है मगर सिक्ख वहां भी अल्पसंख्यक हैं. इसी तरह से जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है मगर वहां भी अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ मुसलमानों को ही मिल रहे हैं.

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सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह अपील की गई है कि सभी हाईकोर्ट में दायर इस तरह की सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर कर दिया जाए और सुप्रीम कोर्ट ही इन सारी याचिकाओं पर फैसला ले ले.

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