नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इंकार करते हुए उसे खारिज कर दिया है। जबलपुर के याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल द्वारा नर्सिंग फर्जीबाड़े मामले की जांच के लिए लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा सूटेबल पाए गए 169 कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद लगभग दो दर्जन कालेजों ने एमपी हाईकोर्ट के 30 मई के इस दोबारा जांच वाले आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 169 सूटेबल पाए गए कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश देने के साथ इसमें न्यायिक अधिकारी भी जांच में शामिल किये थे। हाईकोर्ट में 30 मई की सुनवाई में याचिकाकर्ता लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट विशाल बघेल की ओर से आवेदन पेश किया गया था, जिसमें बताया गया था कि सीबीआई जांच में गड़बड़ी और रिश्वत का मामला सामने आने के बाद सूटेबल पाए गए कॉलेजों की जांच विवादित और संदिग्ध हो चुकी है। इस पर हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा सूटेबल पाए गए 169 कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश दिए थे, साथ में संबंधित ज़िले के न्यायिक अधिकारी भी सम्मिलित होने और वीडियोग्राफी करने के भी आदेश दिए थे। इसी आदेश को प्रायवेट नर्सिंग कालेजों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब इस याचिका खारिज होने के साथ ही हाईकोर्ट के आदेश की यथास्थिति रहेगी।