अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
मौदहा-हमीरपुर :मौदहा कस्बे का रेलवे स्टेशन जो रागौल के नाम से जाना जाता है जहां सदैव मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है। गिनी चुनी गाडिय़ां हैं जिन से लोग अवागम करते है। आज सुबह चित्रकूट एक्सप्रेस के समय लगभग 4:10 मिनट पर रागौल स्टेशन में टिकट विन्डो बन्द होनें पर लोगों नें नाक कर अन्दर सो रहे रेलकर्मियों को टिकट देनें के उद्देश्य से जगाया जिस पर गहरी नींद में सो रहा स्टेशन मास्टर भड़क उठा और खिड़की खोलकर गुंडों मावालियों की तरह ललकारने लगा। ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर नें विन्डो खोलकर यात्रियों के साथ अभद्रता की भाषा का प्रयोग करते हुए कहने लगा टिकट कौन मांग रहा था कौन खिड़की बजा रहा था आदि कहने लगा, स्टेशन मास्टर यहीं नही रुका टिकट देनें के बजाय यह कह कर पुनः खिड़की बन्द करली “जाओ टिकट नही मिलेगा जो करना है करलो” यह सुनकर यात्री आश्चर्य चकित हो गये।गाड़ी के आनें का समय हो रहा था और टिकट विन्डो खोली नही जा रही थी जिस पर उपस्थित यात्रियों की भीड़ नें बन्द खिड़की का विरोध करना प्रारंभ कर दिया विरोध की आवाजें सुन कर खिड़की खोली गयी और टिकट दिये गये। अवगत करादें कि आज कई हाजी भी हज की पवित्र यात्रा पर रागौल स्टेशन से जबलपुर ऐक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना हुए हाजियों के साथ बहुत से लोग थे जो टिकट लेनें के लिए खड़े रहे ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर के कारण सभी यात्रियों को असुविधा हुई जो अति निन्दनीय है।यात्रियों नें कहा कि ऐसे सरकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए जो रेलवे को अपनी सुविधानुसार चलना चाहते हैं। जबलपुर से लखनऊ की ओर जानें वाली गाड़ी संख्या 15206 का रागौल स्टेशन पर आनें का समय 4:30 मिनट है टिकट विन्डो 4 बजे तक बन्द थी जिसे यात्रियों नें खुलवाने के लिए विन्डो नाक की लेकिन ड्यूटी पर तैनात स्टेशन मास्टर को ऐसा लगा मानों किसी नें उन के बैडरूम की विन्डो नाक कर दी हो। पहली गल्ती ट्रेन आनें का समय करीब होनें बाद भी सोते रहना, दूसरी गल्ती जगानें पर यात्रियों पर भड़कना बहुत ही अनुचित है।जहां भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधाऐं देना चाहता वहां रेलकर्मी भारतीय रेल की मर्जी के खिलाफ काम कर रेलवे को बदनाम करनें का काम कर रहें। प्रकरण प्रकाश में आनें के पश्चात देखना होगा कि रेल विभाग अपनें कर्मचारी के विरुद्ध क्या कार्रवाई करता है।
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