अवधनामा संवाददाता
ललितपुर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर प्रदेश व्यापी जीएसटी के सर्वे छापों को अबिलम्ब रोके जानें की मांग को लेकर जिला उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने प्रदेश चेयरमैन महेन्द्र जैन मयूर के कुशल नेतृत्व में एक ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा है। ज्ञापन में बताया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार संपूर्ण उत्तर प्रदेश के जनपदों, कस्बो, नगरों में जीएसटी विभाग के अधिकारियों द्वारा सर्वे छापों की कार्यवाही विगत 3 दिनों से की जा रही है। इस छापामार कार्रवाई के चलते प्रदेश भर के व्यापारी आतंकित एवं दहशत में है। इस कार्यवाही से अधिकतर ईमानदार व्यापारियों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है जिस प्रकार की सर्वे छापों की कार्यवाही से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है जिस प्रकार की सर्वे छापों की कार्यवाही अधिकारियो द्वारा विगत तीन दिनों से की जा रही है इस छापामार कार्यवाही के चलते प्रदेश भर के व्यापारी आतंकित एवं दहशत में हैं। इस कार्यवाही से अधिकतर ईमानदार व्यापारियों को इसका खामियाजा उठाना पड रहा है। इस प्रकार के सर्वे छापों की कार्यवाही से इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार को बढावा मिलेगा और प्रदेश भर मेें व्यापारियां का उत्पीडन होगा। बताया कि विगत 3 दिनों में विभाग द्वारा जो सर्वे छापों की कार्यवाही की गई है वह केवल जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों पर ही की गई है और सर्वे छापों के द्वारा तकनीकी खामियां दिखाकर दुकान/प्रतिष्ठान को सीज करने की धमकी देकर व्यापारियों पर दबाव डालकर बिना टैक्स एसेसमेंट किए तथा बिना स्वीकाज नोटिस के पेनाल्टी के रूप में रकम जमा करवाई जा रही है जो कि पूर्णतया अनुचित एवं व्यापारी का उत्पीडऩ है जिससे शासन के प्रति व्यापारी समाज का अविश्वास बढ़ता जा रहा है। बताया कि विगत लगभग तीन दशक पूर्व से व्यापारियों द्वारा किए गए जन आंदोलन के फल स्वरुप प्रदेश एवं केंद्र की सरकारों ने सामान्य सर्वे छापों को बंद कर दिया था केवल कर चोरी की सूचना के आधार पर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा द्वारा ही सर्वे की कार्रवाई की जाती है वर्तमान में इस प्रकार के सर्वे और छापों की कार्रवाई की जा रही है। वह सामान्य सर्वे का ही रूप है जो कि जीएसटी की प्रावधानों के विपरीत है जबकि जीएसटी कानून लागू करते समय यह सुनिश्चित किया गया था कि व्यापारी बिना किसी भय एवं दबाव के अपना व्यापार कर सकेगें ना कि सर्वे छापों के द्वारा व्यापारियों को आतंकित कर उन्हें व्यापार से वंचित करना। जीएसटी कानून के अंतर्गत धारा 67 से धारा 84 तक व्यापारियों के प्रतिष्ठान पर सर्वे चीज करने टैक्स एवं पेनल्टी एवं गिरफ्तार करनें मनमर्जी से टैक्स लगानें के जो प्रावधान दिये गये हैं उन प्रावधानों की आड़ में अधिकारी व्यापारियों का उत्पीडऩ कर रहे हैं एवं प्रतिष्ठान पर मौजूद प्रपत्रों की अंदेखी कर अपनी मनमर्जी से बिना किसी सत्यापन के कर एव पैनालिटी का आंकलन कर पैनालिटी जमा कराई जा रही है जो कि न्याय संगत नहीं है तथा जीएसटी प्रावधानों के विरूद्ध है इससे व्यापारी समाज में रोष बढता जा रहा है जो कभी भी एक बडे जन आंदोलन का रूप ले सकता है। व्यापारियों ने प्रदेश सरकार से शासन की छवि को धूमिल करनें वाले इस जीएसटी की सर्वे छापों की कार्यवाही पर अबिलम्ब रोक लगाकर इसे बंद किये जाने की मांग उठायी है। इस मौके पर महेन्द्र जैन मयूर प्रांतीय चेयरमैन, अनिल जैन, अशोक जैन, महेश जैन, दीपक सोनी, दीपक चौधरी, महेश सतभैया, अनिल बबडी, राजीव कुमार, शुभम जैन, उपेन्द्र जैन, ज्ञानप्रकाश खंडेलवाल, राजवीर सिंह, गौरव जैन, रोहित, स्वपनिल सर्राफ, अंकित सतभैया, शुभांकर सुडेले, अभय राजा, शुलभ जैन, उदयभान यादव, ब्रजेन्द्र साहू, राजीव जैन, सुरेश चंन्द्र, अतुल जैन, सोनू साहू, प्रदीप साहू, रमेश, राजेश, आयुष सर्राफ, प्रीतम सर्राफ, वीरेन्द्र कुमार, राजीव सिंह, मु. ईब्राहिम, आलोक मयूर, मुकेश जैन, विजय, अवनीश जैन, सुमत कुमार, राजकुमार साहू, मनोज जैन, राजीव, अभिषेक जैन, सनमति सर्राफ, जयनारायण, संजीव जैन, अभिषेक कुमार, राजूकुमार, पंकज जैन, प्रवीण जैन, सौरभ जैन, रिंकू, पुष्पेन्द्र, कुलदीप साहू, अभिनन्दन, अमित, मु. यूसुफ, सुरेन्द्र कुमार जैन, मयंक जैन आदि मौजूद रहे।