भाकपा ने सभी जागरूक एवं सद्भाव की ताकतों से कट्टरपंथियों के षडयंत्रों को विफल करने की अपील की
लखनऊ- 4 नवंबर 2020, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मण्डल ने जनपद- मथुरा के एक मन्दिर में नमाज पढ़ने वाले लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमे और उनकी गिरफ्तारी की निन्दा की। खान अब्दुल गफ्फार खान ( सीमांत गांधी ) द्वारा शुरू किये गये ‘खुदाई ख़िदमतगार’ से जुड़े ये लोग लंबे समय से सांप्रदायिक सद्भाव का मिशन चला रहे हैं, और उसीके तहत 84 कोसी परिक्रमा करने मथुरा आए थे।
जिस पुजारी की अनुमति और आमंत्रण पर उन्हें मन्दिर परिसर में प्रवेश मिला था और सद्भाव का भाव जगाने के उद्देश्य से उन्होने वहाँ नमाज भी पढ़ी थी, बाद में वे पुजारी जी विभाजनवादी एवं कट्टरपंथियों के दबाव में आ गये और उन्होने खुदाई खिदमतगारों और उनके साथियों के विरूध्द अभियोग दर्ज करा दिया। हर बार की तरह मुसलमानों को निशाना बना कर विभाजन की राजनीति को हवा देने वाली योगी सरकार की पुलिस ने उन्हें आनन-फानन में गिरफ्तार कर लिया।
अब मन्दिर आंदोलन के अवसान एवं गो हत्या के नाम पर फर्जी गिरफ्तारियों के लिए उच्च न्यायालय की फटकार खा चुके विभाजन की राजनीति करने वाले तत्व पुनः सक्रिय होगये हैं और घ्रणा फैलाने को मुस्लिम धर्मस्थलों आरती और हनुमान चालीसा पढ़ने का स्वांग रच रहे हैं। दोनों के उद्देश्यों में वैपरीत्य है- उन्होने नमाज सद्भाव के लिये पढ़ी थी तो ये अब जो कुछ भी कर रहे हैं उकसाबे के लिये कर रहे हैं।
भाकपा ने कहा कि तमाम मुद्दों पर बेनकाव हो चुकी योगी सरकार विभाजन की राजनीति को प्रमोट करने के लिये अल्पसंख्यकों को कोई न कोई बहाना बना कर निशाना बना रही है। बदलाव और प्रगति की वाहक ताकतों को कभी नक्सल तो कभी देशद्रोही बता कर प्रताड़ित कर रही है। उसीके इशारे पर यह चालीसा पढ़ने अथवा कथित आरती करने का अभियान शुरू किया गया है।
भाकपा ने सरकार और उसके रजाकारों को चेतावनी दी कि वह जनता को गुमराह करने और सद्भाव एवं बदलाव की ताकतों को मिटाने के अपने मंसूबों से बाज आये और कम ही बचे अपने कार्यकाल में आम जनता के हित में काम करे।
भाकपा ने सभी जागरूक और सद्भाव की ताकतों से अपील की कि वे विभाजनकारी और सांप्रदायिक कट्टरपंथियों की इन साज़िशों को विफल करने को जुट जायें और सद्भाव की मुहिम को आगे बढ़ाएं।