सिंघु बॉर्डर को किले में तब्दील किया गया, किसी को प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं

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किसान आंदोलन के प्रमुख केंद्र सिंघु बॉर्डर  (Singhu border ) पर बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था  (Multi-layered security system ) किए जाने, सभी तरफ बैरीकेड (Barricade ) लगाए जाने, सभी प्रवेश मार्गों (Entry routes ) को बंद करने एवं हजारों सुरक्षाकर्मियों के मार्च करने के साथ  यह जगह एक तरह से किले में तब्दील (Transformed ) कर दी गई। स्थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच आज हुई झड़प  (Clash ) के बाद सुरक्षाकर्मी अत्यंत  (Extremely ) चौकसी  (Vigilance ) बरत रहे हैं। दिल्ली (Delhi) में गणतंत्र दिवस ( Republic Day)  के मौके पर हुई हिंसा (Violence ) में 394 पुलिसकर्मियों (Policemen)  के घायल (Injured ) होने एवं एक प्रदर्शनकारी (Demonstrator)  की मौत होने के बाद इस प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है और पाबंदियां लगा दी गई हैं। वहां कंक्रीट  (Concrete ) के कई बैरीकेड  (Barricade ) एवं अन्य अवरोधक (Blocker )लगाए गए हैं तथा किसी को भी, यहां तक कि मीडियाकर्मियों  (Media persons ) को भी प्रदर्शनस्थल (Exhibition site)  पर नहीं जाने दिया जा रहा है।

बैरीकेड (Barricade)  के दूसरी तरफ खड़े हरियाणा  (Haryana ) के कैथल (Kaithal ) के निवासी 26 वर्षीय  (26 years ) मंजीत ढिल्लों  (Manjeet Dhillon )ने कहा, ”ये लाठियां, ( Sticks) आंसू गैस  (Tear gas ) के गोले और हथियार  (weapons ) हमें डरा नहीं सकते। हम नहीं झुकेंगे, हम तीनों कृषि कानूनों  (Agricultural laws ) को वापस लिए जाने की मांग पूरी होने तक नहीं जाएंगे। वैसे तो कुछ प्रदर्शनकारियों  (Protesters )के बीच बेचैनी (Restlessness)  नजर आ रही है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा   (SKM) और किसान मजदूर संघर्ष समिति (KMSC) के संबंधित मंचों  (Forums ) पर कुछ नहीं बदला है। उन मंचों  (Forums ) पर पहले की तरह ही ऊंची आवाज में भाषण  (speech) दिए जा रहे हैं।

एसककेएम (SKKM) ने केएमएससी,(KMSC) अभिनेता (Actor)  से नेता बने दीप सिद्धू (Deep Sidhu)  और केंद्र सरकार पर 26 जनवरी को दिल्ली (Delhi)  में किसानों (Farmers ) की ट्रैक्टर परेड (Tractor parade)  के दौरान हुई हिंसा का ठीकरा फोड़ा  (Soda abscess) था। इस पूरे क्षेत्र में केवल राम भदोस  (Ram Bhados ) (18) की दुकान खुली है। उन्होंने कहा, ” मैं दुकान नहीं खोलना चाहता था। मैं डरा हुआ हूं कि कहीं हिंसक स्थिति पैदा न हो जाए। (लेकिन) उन्होंने (सुरक्षाकर्मियों) मुझे चाय की दुकान खोलने और उन्हें चाय पिलाने को कहा। उन्होंने कहा कि वे मेरी रक्षा करेंगे।

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