बैरूनी अंजुमन के साथ मुकामी अंजुमनों ने पढ़ा नौहा
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। तहसील क्षेत्र के कस्बा हल्लौर में मंगलवार को अंजुमन उरूज मातम की जानिब से हुसैनिया सेठबाबा में कदीमी तरही शब्बेदारी का आयोजन किया गया। इस दौरान मरसिया, मजलिस के साथ अकीदतमंदों ने पूरी रात नौहा मातम किया। शब्बेदारी में मुम्बई से आए नौहाख्वा ज़हीर अब्बास और आज़मगढ़ से आई अंजुमन तबलीगे अजा ने एक से बढ़कर एक दर्द भरा नौहा पेश किया।
अंजुमन अबुल फ़ज़लिल अब्बास की जानिब से मुमताज लकी व कामयाब हैदर, अंजुमन फरोग मातम की जानिब से हानी, मुमताज़ व रजा ने नौहा पढ़ा, अंजुमन गुलदस्ता मातम की जानिब से शारिब व शीजान ने नौहा पेश किया। जिस पर मातमी दस्ते ने अपने मख्सूस अंदाज़ में मातम किया। शब्बेदारी की शुरुआत शकील अहमद गुड्डू के तिलावते कलाम पाक से हुई। जिसके बाद हैदरे कर्रार और उनके हमनवा ने मरसिया पढ़ा। मजलिस को जाकिरे अहलेबैत अजीम हैदर ने संबोधित करते हुए इमाम सज्जाद अस के जीवन पर प्रकाश डाला साथ ही कर्बला के शहीदों के शहादत बयान किया जिस पर लोगों की गमगीन हो गए।
मजलिस के बाद मेज़बान अंजुमन की ओर से नौहा और मातम का सिलसिला शुरू हुआ। मेजबान अंजुमन की ओर से मेहमान ज़हीर अब्बास ने नौहा पेश किया जिस पर अकीदतमंदों ने मातम किया। अंजुमन फरोग मातम की मुमताज़, हानी व रजा ने नौहा पढ़, अंजुमन गुलदस्ता मातम को जानिब से शीज़न व शारिब से नौहा पेश किया।
कार्यक्रम रात्रि 9 बजे शुरू होकर भोर में समाप्त हुआ। इस दौरान अंजुमन के सदर हैदरे करार, सिकरेट्री मेहदी अब्बास जानू, मौलाना शाहकार हुसैन, इन्तेज़ार हुसैन शबाब, इक़बाल मेहदी, मेंहदी हैदर, तनवीर संजू अमानत, रजा, खुशतर इमाम, मंज़र इमाम, अज्जू, कसीम रिजवी, नौशा, खुलूस, नौशाद रिंकू सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।