Sunday, December 14, 2025
spot_img
HomeMarqueeरमज़ान के दूसरे अशरे की अज़ीम मगफ़रत का अशरा है

रमज़ान के दूसरे अशरे की अज़ीम मगफ़रत का अशरा है

हजपुरा,अम्बेडकरनगर अवधनामा संवाददाता*दसवें रोजे की समाप्ति के साथ मंगलवार को रमजान का पहला अशरा खत्म हो गया। इसके बाद बुधवार से दूसरा अशरा यानी मगफिरत का दौर शुरू होगा। इसे गुनाहों की माफी का अशरा कहा जाता है। रोजे की फजीलत को बयान करते हुए प्रख्यात शिया धार्मिक गुरु मौलाना मेंहदी हसन वाइज जलालपुरी ने कहा कि रमजान को तीन अलग-अलग अशरों (भाग) में बांटा गया है। पहला अशरा रहमत का है जो रमजान के चांद से शुरू होकर दसवें रोजे तक जारी रहता है। दूसरा अशरा मगफिरत (क्षमा) का है।

आखिरी अशरा जहन्नम से नजात दिलाने वाला होता है। जो बेहद अहम माना जाता है। उन्होंने कहा कि पाक किताब कुरआन-ए-करीम में अल्लाह ने खुद फरमाया है कि ऐ ईमान वालों तुम पर रोजा फर्ज किया गया है। जैसा कि तुमसे पहली उम्मतों पर फर्ज किया था। ताकि तुम परहेजगार बन जाओ। उन्होंने कहा कि रवायात से पता चलता है कि धरती के पहले मानव आदम अलैहिस्सलाम के जमाने से ही रोजा का आरंभ हुआ था। भारतीय धर्म में जहां व्रत को वहीं पारसी समुदाय में भी रोजा को बेहतरीन इबादत माना गया है। इस्लाम के पांच स्तंभों में से रोजा एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। रमजान

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular