सिद्धार्थनगर। कम्प्यूटर तालीम का एक अहम हिस्सा है।जिसके बिना जीवन अधूरा है। वैसे भी शिक्षा एक अनमोल रत्न है। उन्हीं रत्नों में से कंप्यूटर ज्ञान एक है। तालीम के बिना विकास संभव नहीं है। दीनी तालीम के साथ साथ आधुनिक शिक्षा बहुत जरूरी है। उक्त बातें मंगलवार को मदरसा अरबिया दारुल उलूम सिंगरहा के प्रांगण में कम्प्यूटर कक्ष के भव्य उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि ग्रेट इंडिया इंटर कालेज के प्रबंधक मौलाना नुररुल्लहा खान ने फीता काटने के बाद यह विचार व्यक्त की। उन्होने कहा कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है। जो डेटा को प्रोसेस करता है।और उसे उपयोगी जानकारी में बदलता है।यह गणना करने, डेटा को स्टोर करने और विभिन्न प्रकार के कार्यों को तेजी और सटीकता से करने में सक्षम होता है। गति कंप्यूटर बहुत तेज गति से गणनाएँ और प्रोसेसिंग करता है। उन्होने आगे कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में कंप्यूटर एक भूमिका निभाते हैं। इनका उपयोग घरों, व्यवसाय, शैक्षणिक संस्थानों,अनुसंधान संगठनों, चिकित्सा क्षेत्र, सरकारी कार्यालयों, मनोरंजन आदि में किया जाता है। कंप्यूटर आधुनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गए है। जिनका उपयोग शिक्षा, व्यवसाय, विज्ञान, कंप्यूटर ग्राफिक्स, कंप्यूटर नेटवर्किंग और इंटरनेट जैसे क्षेत्रों में किया जाता है। कंप्यूटर सूचना प्रसंस्करण, डेटा भंडारण, हेरफेर और संचार करने में सक्षम हैं। वे अपनी गति, सटीकता और निरंतर प्रदर्शन के लिए जाने जाते है कम्प्यूटर कक्ष के उद्घाटन समारोह के आयोजक/मदरसा के पूर्व छात्र रहे मौलाना अबुल कलाम कासमी ने भी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमने जो कुछ सीखा है वो यही मकतब है। जहां से मेरी एलीमेंट्री एजुकेशन प्रारंभ हुई है। आज मैं जिस मुकाम पर हूं वो इसी मकतब के बदौलत। आज मैं “MEJOCARE”मेडिकल टूरिज्म PVT कंपनी का डायरेक्टर के रूप में कार्य करने का मौका मिला है। यही नहीं इस मकतब में लगभग छात्र है। जिनमें 40 छात्र आवासीय परिसर में रहकर शिक्षा रत है। जिन्हें शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ने का उत्कृष्ट कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उद्घाटन के बाद मकतब में 5 कम्प्यूटर स्थापित किया गया है। उन्होने कहा कि कंप्यूटर का आविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया था। कंप्यूटर का उपयोग गणना करने के लिए किया जाता है। आज के समय में कंप्यूटर हमसे इस तरह घुल-मिल गया है की कंप्यूटर को अलग करना नामुमकिन सा है। कंप्यूटर का उपयोग NASA तथा ISRO में भी विभिन्न प्रकार के रिसर्च करने तथा अंतरिक्ष यान को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है।इसी क्रम में प्रिंसिपल मौलाना नजीबुल्लाह काश्मी देवबंद ने भी कार्य मे सम्बोधन किया। उन्होने कहा कि इल्म वो धन है जितना खर्च करेंगे उतना ही बढ़ेगा। आज का ऐसा समय आए गया जिसमे बिना इल्म के कुछ संभव नहीं। इस अवसर पर प्रवंधक मौलाना मोहामाद हनीफ मिफ्ताही, आयोजक मौलाना अबुल कलाम कासमी, मौलाना अब्दुल हई, मौलाना नजमुद्दीन कशमी, मास्टर सफात साहब, मौलाना नसीरुद्दीन नदवी सहित अन्य छात्र और अभिभावकगण उपस्थिति रहे।
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