मनरेगा का पैसा डकार रहे जिम्मेदार दस दिन काम करा निकाल लिया तीन सप्ताह का मस्टरोल

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अवधनामा संवाददाता

डेढ़ लाख की परियोजना में मानक और मजदूरों की संख्या कागजी

रामकोला ब्लॉक के चंदरपुर ड्रेन तक चकरोड भराई कार्य का मामला

कुशीनगर। रामकोला ब्लाक में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना द्वारा कराए जा रहे काम में बड़ी गड़बड़ी सामने आई हैं। जिम्मेदार साइटों पर महज कुछ काम करा कागजो में मजदूरों की संख्या और कार्यदिवस अधिक दिखाकर सरकार से लाखों रुपये डकार लिए। भौतिक सत्यापन बिना कागजो में काम और मनमाने मजदूरों की संख्या के मस्टरोल का पेमेंट कर अपनी जेब भर रहे। रामकोला ब्लाक के चन्दरपुर गाँव की एक परियोजना जिसकी अनुमानित लागत एक लाख 45 हजार रुपये बताई गई जिसमे जिम्मेदार सरकार को चुना लगते दिख रहे है।

जिले के रामकोला ब्लाक स्थित चन्दरपुर गाँव मे पीडब्ल्यूडी रोड से ड्रेन तक के चकरोट भराई की एक परियोजना पर काम हुआ। इसकी अनुमानित लागत 1 लाख 45 हजार रुपये बताई गई। मनरेगा के तहत मजदूर लगाकर काम कराने के लिए बीते तीन सप्ताह से काम कराने का मस्टरोल जारी हुआ। इस परियोजना के तहत काम कागजो में बीते तीन सप्ताह से चल रहा। जिसके सापेक्ष तीन सप्ताह काम ऑनलाइन मस्टरोल में दिखाया गया जिसमे लगभग 516 मजदूर लगाए गए, लेकिन इस काम पर मिले तस्वीरों और स्थानीय लोगो के अनुसार उक्त चकरोट पर महज दस से 15 मजदूर काम किये और पूरा काम ही लगभग एक सप्ताह हुआ हैं।

पहले सप्ताह में दो सेट मस्टरोल जारी हुआ जिसमें 16 मजदूर प्रतिदिन काम किये। इस हिसाब से पहले सप्ताह में लगभग 96 लेबरों की हाजिरी लगी और 29 दिसम्बर को जिसकी एमबी कर दी गयी। लिहाजा 20448 रुपये भेजे भी गए। लेकिन भौतिक कार्यो की बात करे तो महज दो से तीन दीन काम हुआ उसकी भी मानक और मजदूरों की संख्या कम रही। उसके बाद दूसरे सप्ताह में दस-दस मजदूरों की तीन से मस्टरोल निकाले गए जिसके अनुसार लगभग दूसरे सप्ताह में 180 मजदूर लगाए गए जिनके लिए सरकार से 38340 रूपये की मजदूरी हुई। तीसरे सप्ताह में चार चार सेट मस्टरोल जारी किया गया। जिसके अनुसार 240 मजदूर लगाए गए जिनकी मजदूरी लगभग 51120 रुपये होगी।

दस दिन हुआ है काम

रोजगार सेवक राजेश राय से बात की गई तो उसने पूरे काम को 10 दिनों में होने की बात बताया। वही ब्लाक के टि.ए. जेपी सिंह ने पहले तो सड़क का सही लोकेशन तक नही बता पाए लेकिन कागजो में अपनी उपस्थिति नियमानुसार दिखा दिए।

जांच की जा रही है- बीडीओ

विकास खण्ड रामकोला की बीडीओ उषा पाल ने मनरेगा में लाखों के परियोजना के सम्बंध में जाँच कराने की बात कही। कागजो में तीन सप्ताह और मौके पर महज कुछ लेबरों द्वारा 10 दिनों तक किये मानकों की कोरमपूर्ति के काम पर देखना हैं जाँच रिपोर्ट क्या आती हैं।

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