संभल अवधनामा संवाददाता हज 2026 की तैयारियां जोर शोर पर चल रही है। लेकिन अफसोस की बात यह है। इस पवित्र यात्रा पर जाने वाली लेडिस की इज्जत के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। और जनप्रतिनिधि खामोश है। हज समिति ऑफ़ इंडिया के आदेश पर प्रदेश के विभिन्न अस्पतालो में हज यात्रियों का फिटनेस मेडिकल चेकअप शुरू हो चुका है। जिसमें लेडिस हज यात्रियों का प्रेगनेंसी टेस्ट भी किया जा रहा है। लेकिन उक्त आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया। की प्रेगनेंसी टेस्ट केवल विवाहित महिलाओं का ही किया जाएगा। यहां कबीले गोर बात यह है। की प्रेगनेंसी टेस्ट में अविवाहित और विधवा महिलाओं का प्रेगनेंसी टेस्ट करवाने के लिए उन्हें मजबूर किया जा रहा है।
यह बेहद संजीदा मामला है! इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए नगर पंचायत सिरसी के समाजसेवी डॉक्टर इफ्तेखार अहमद कुरेशी पूर्व जिला हज ट्रेनर ने इस मुद्दे को प्रमुखता से लेते हुए हज कमिटी आफ इंडिया के कार्यालय पर फोन किया। और अपनी नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने लखनऊ हज कमेटी के जनरल सेक्रेटरी एसपी तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि जो रूल्स ऑल इंडिया हज कमिटी बनती है। हम उसेही फॉलो कराते हैं। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया हज वेलफेयर सोसाइटी इस मुद्दे को प्रमुखता से लेकर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजूजू को पत्र लिखेगी उन्होंने यह भी कहा।
ऑल इंडिया हज कमेटी के जिम्मेदारान इस मामले में तुरंत अपना रुख क्लियर करें। और अविवाहित या विधवा और बुजुर्ग महिलाओं के प्रेगनेंसी टेस्ट पर फौरन रोक लगाए। हर साल आधी अधूरी तैयारी के साथ हज यात्रा को शुरू कर दिया जाता है ।जिससे हज यात्रीयो को को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए कुंवारी विधवा और बुजुर्ग महिलाओं के प्रेगनेंसी टेस्ट को खत्म करना चाहिए! जिससे उन्हें शर्मिंदा न होना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि हज पॉलिसी बनाते समय स्वयं सेवी संगठनों एवं धार्मिक गुरुओं को शामिल किया जाना चाहिए। जिससे शरीयत के मसाइल को समझने में आसानी हो सके