नवास-ए-रसूल इमाम हुसैन के प्रतिनिधि (सफीर) हज़रत मुस्लिम की कूफा में हुई दर्दनाक शहादत के गम में हल्लौर कस्बे के इमामबाड़ों में मजलिस-मातम का सिलसिला जारी रहा
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। हजरत मुस्लिम इब्ने अकील की शहादत के सिलसिले में कस्बा हल्लौर में अलग-अलग स्थानों पर मजलिस का आयोजन किया गया। इनमें उलेमाओं ने शहादत का जिक्र किया और शोहदा-ए-कर्बला की तालीमात के मुताबिक जिंदगी गुजारने की बात कही।
उक्त उदगार हल्लौर स्थित खुर्शीद आरके के आवास पर ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने मजलिस को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हज़रत मुस्लिम बिन अकील इमाम हुसैन अस के चाचाजाद भाई थे। जिनकी शहादत पर ताज़िया व शबीह ए ताबूत रखकर आज हम लोग यहाँ बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन अस ने हज़रत मुस्लिम बिन अकील को कूफ़े में अपना सफीर बनाकर भेजा था।
कूफ़े वालो ने इमाम हुसैन अस को खत भेजकर बुलवाया था। इमाम हुसैन ने कूफ़े के माहौल का जायज़ा लेने के लिए हज़रत मुस्लिम को वहाँ भेजा था लेकिन कूफ़े में इब्ने ज़ियाद ने पहुँचकर जुल्म करना शुरू किया। पहले तो लोगों ने हज़रत मुस्लिम का खैर मकदम किया लेकिन बाद में मुँह मोड़ लिया। अकेले मुस्लिम बिन अकील इब्ने ज़ियाद की फौजों से लड़ते हुए शहीद हुए। यह कर्बला की घटना की पहली शहादत थी।
अंत में मसाएब करबला बयान किया तो उपस्थित लोगों की आखों में आंसू नज़र आये। मजलिस से पूर्व शाहिद आलम व हमनवा ने हज़रत मुस्लिम से मंसूब मर्सिया पढ़ा। मजलिस के बाद हज़रत अब्बास अलमदार के अलम, ताज़िया और शबीह ताबूत हज़रत मुस्लिम बरामद हुआ। अक़ीदतमंदो ने अलम, ताबूत व ताज़िया का बोसा लिया। इसके बाद मुकामी अंजुमनों ने मुस्लिम शहीद हो गए कोहराम है बपा, सर पीटती है बीबियाँ गमनाक है फिजा नौहा पढ़ते मातम करते हुए ताबूत का जुलूस निकाला गया जो हल्लौर में गश्त करता हुआ कर्बला जाकर देर शाम समाप्त हुआ। इस से पहले बृहस्पतिवार की रात को कस्बे कई जगहों पर मजलिस का आयोजन किया गया।
इस मौके पर ज़ेबू, खुशनेहाल, साजिद मंटू, बबलू, अहमद हैदर, आफताब आफसेट, कैफ़ी रिज़वी, काशान, इंतेज़ार शबाब, लकी, बबलू, फहीम हैदर, मोहम्मद हैदर शबलू, अरशद, पप्पू पल्सर, शबीह, शराफत, रेनू, संजू, शोएब, हैदर, राजू, कामयाब, आले रज़ा, मंटू, डबलू, कायनात, हैदर हल्लौरी, हसन जमाल, जानशीन किसान, बबलू विलियम सहित तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान थाना डुमरियागंज की पुलिस पूरी तरह मुस्तैद दिखाई दी।