कंपोजिट विद्यालय जमुरावां की प्रधानाचार्य अपनी कार्यशैली से एक बार फिर चर्चा में

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अवधनामा संवाददाता

महराजगंज,रायबरेली। उत्तर प्रदेश में रायबरेली जिले के कंपोजिट विद्यालय जमुरावां में शिक्षा विभाग के जिम्मेदार एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार ऐसा कारनामा कर दिया, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। आरोप है कि, महराजगंज क्षेत्र के जमुरावां में सरकारी स्कूल प्रबंधन ने छात्र के ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर जो उत्तीर्ण तिथि अंकित की है, वह तारीख भविष्य में आएगी। यह तारीख है 30/03/2029 है। तो सवाल उठता है कि, जो वर्ष अभी आया ही नहीं, तो 30 मार्च 2029 को बच्चा आनंद कुमार पुत्र ओम प्रकाश कैसे उत्तीर्ण हो सकता है।
आपको बता दें कि, अब जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा तो इसी विद्यालय के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें प्रमुख रूप से ट्रांसफर सर्टिफिकेट बिना मोहर दस्तखत के जारी कर दिया गया, के अलावा 20 अप्रैल को “(20 अप्रैला) लिख दिया गया”। इन त्रुटियों को जानकर क्षेत्र के लोग शिक्षा विभाग (जमुरावां कंपोजिट विद्यालय के जिम्मेदारों) की जमकर आलोचना कर रहे है। मामला रायबरेली जिले के महराजगंज विकासखंड क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय जमुरावां का है। आठवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जमुरावां निवासी ओमप्रकाश के पुत्र आनंद कुमार का ट्रांसफर सर्टिफिकेट विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा बनाया गया। इसमें उसकी उत्तीर्ण तिथि 30 मार्च 2029 लिखी गई, और तो और जाति में मौर्य की जगह मुराई शब्द लिखा गया है। हालांकि, विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा टी.सी. बनाने के लिए एक ऐसी तारीख चुनी जो कैलेंडर में 5 साल बाद आएगी।
इधर छात्र के ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर गलत तारीख अंकित होने के बाद छात्र आनंद कुमार का 9वीं कक्षा में एडमिशन नहीं हो रहा है। इसी प्रकार कक्षा 8 के उत्तीर्ण छात्र आकाश तिवारी के ट्रांसफर सर्टिफिकेट पर भी 20 अप्रैल की जगह “20 अप्रैला” सन् लिख गया है, के अलावा कक्षा 8 की ही उत्तीर्ण छात्रा कुमारी नेहा जायसवाल का भी ट्रांसफर सर्टिफिकेट बिना मोहर दस्तखत के ही जारी कर दिया गया है।
मामले में खंड शिक्षा अधिकारी राम मिलन यादव ने कहा कि, मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से हुई है। छात्रों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट की दो प्रतियां बनती हैं, जिसकी एक प्रति छात्र अथवा अभिभावक को दे दी जाती है वहीं दूसरी प्रति विद्यालय में ही रहती है। छात्रों व अभिभावकों द्वारा शिकायत मिलने पर विद्यालय प्रधान शिक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की जाएगी। उनके द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने के बाद मामले में कार्यवाही की जा सकेगी।

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