अवधनामा संवाददाता
सूरतगंज-बाराबंकी। कस्बा सूरतगंज में मंगलवार रात ऑल इंडिया मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। रात आठ बजे से शुरू हुआ मुशायरा देर रात तक चला। मुशायरा में शायरों व कवियों ने अपने-अपने अंदाज में कलाम कविताएं सुनाई। दर्शकों को सुबह तक बांधे रखा और वाहवाही बटोरी। मुशायरे का शुभारंभ सूरतगंज के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बृजपाल सिंह ज्ञानू ने फीता काटकर किया। कार्यक्रम की सदारत मास्टर सगीर नजमी व निज़ामत हिलाल बंदायूनी ने अंजाम दिया। कार्यक्रम का आगाज शायर काविश रूदौलवी की नातए पाक से हआ।शायर अल्ताफ जिया ने पढ़ा ‘एक दो गम से जी नही भरता,गम का अम्बार कर लिया खुद को’,’ शहजादा कलीम ने पढ़ा देश में हिंदु मुस्लिम का जो जहर परोसा करते है,ऐसे नेताओं को पहले फाँसी पर लटकाया जाए।’,शायरा चाँदनी शबनम ने पढ़ा ‘मौत आती है तो करती है इशारा हमको,जिंदगी फिर न मिली यह दोबारा हमको’, गुले सबा ने पढ़ा वह मुहब्बत का ऐसा सिला दे गया, रात भर जागने की सजा दे गया’, वसीम रामपुरी ने पढ़ा कि देख लेते जो आपका चेहरा’,लोग क्यो चांद पर गए होते। कारी परवेज यजदानी ने पढ़ा’ मिलेगा दर्द एक दिन इस कदर तेरी जुदाई पर,अगर यह जानते मुहब्बत हम नही करते’,।कवि ओम शर्मा ने काव्य पाठ पेश करते हुए पढ़ा खाक में राज को दबा देंगे, शोर से साज को दबा देंगे,आप सोचेंगे सच को सच बोले, लोग आवाज को दबा देंगे’, कवि नरकंकाल ने पढ़ा ‘मोहब्बत में इस कदर मटिया मेट हो गए..माशूक की शादी हो गई दो दिन लेट हो गए।इसी तरह मुशायरा देर रात तक कामयाबी के साथ चलता रहा। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष रिजवान अहमद,नायब सदर जियाउर्रहमान,मैनेजर मो.जैद,कन्वीनर अब्दुल हफीज, सिराजुद्दीन, जुबेर,इरफान कुरैशी, उबेदुर्रह्मान,शमीम,अय्यूब,मो.
अहमद,नफ़ीस,चुन्ना,कय्यूम, कमाल,हाफिज शादाब आदि कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।