अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। जिला चिकित्सालय की लापरवाही के चलते बुधवार को अस्पताल परिसर मे पड़े लावारिस मरीज कि बुधवार गुरुवार कि देर रात मौत हो गयी आखिर उसकी मौत का जिम्मेदार कौन हैं। जिला अस्पताल प्रशासन या फिर जिले मे काम कर रही स्वयंसेवी संस्थाएं जो समाज सेवा का दम भरते हैं और समाचार पत्रों मे अपनी फ़ोटो व खबर छापाकर झूठी वाहवाही लूटने का काम करते हैं। आखिर इस लावरिस का क्या कसूर था जो इसे अपनी मौत देकर चुकाना पड़ा। वहीं सुबह ज़ब इसकी मौत कि खबर हुई तो अन्नन फान्नन मे अस्पताल प्रशासन ने उसे वहां से उठवाकर अस्पताल कि मार्चरी मे रखवाया गया। यही नहीं अभी भी ऐसे करीब आधा दर्जन लावारिस मरीज अस्पताल के लावारिस वार्ड मे भर्ती हैं जो ठीक होने के बाद वार्ड से बाहर निकल कर आमजन के लिये परेशानी बन जाते हैं ऐसे मे जिले मे काम कर रहीं समाजसेवी संस्थाएं इनका हाल तक नहीं लेती यह संस्थाएं केवल अखबारों कि सुर्खियों मे ही बन कर सरकारी अनुदान का लाभ ले रही हैं। वहीं इस बारे मे ज़ब जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. सीबीएन त्रिपाठी से जानकारी लीं गयी तो उन्होंने बताया कि लावारिस वार्ड मे भर्ती सभी मरीजों कि देखरेख हमारे चिकित्सक कर रहें हैं परन्तु जो मरीज ठीक हो जाते हैं वह वार्ड से निकल कर बाहर घूमने लगते हैं। जो किसी भी घटना अथवा दुर्घटना का शिकार होकर मौत कि गाल मे चले जाते हैं। ऐसे में जिला चिकित्सालय केवल मरीजों का इलाज करने कि जिम्मेदार हैं न कि उनकी सुरक्षा कि जिम्मेदारी पुलिस व समाजसेवी संगठन कि बनती हैं।
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