अवधनामा संवाददाता’
चोपन/सोनभद्र। सोन नदी पर स्थित पुराने पुल की हालत दिन प्रतिदिन बद से बद्तर होती जा रही है जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है| प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसकी मरम्मत का ठेका 2 साल पहले मेरठ के सीको नामक कंपनी ने लिया था मरम्मत में सीको कंपनी ने एसीपी टूल्स के साथ मिलकर मरम्मत के नाम पर केवल लीपापोती किया था जिसके वजह से पुल की स्थिति जर्जर बनी हुई है पुल के नीचे सपोट के रूप में लगाये गए तार वर्तमान समय मे टूट कर जहा तहा लटके पड़े हैं जबकि पुल के तार 2 साल पहले ही बदले गए थे सुत्रों की माने तो सीको नामक कंपनी जिसके डायरेक्टर उज्जवल गुप्ता नामक व्यक्ति हैं का पुराना रिकॉर्ड भी काफी खराब रहा है इसके उपरांत भी अधिकारियों से मिलीभगत होने के कारण पुनः ठेका प्राप्त कर लिया था। सिको कंपनी गोरखपुर से देवरिया पुल का मरम्मत 2016 में किया था जो 6 महीने में पुनः खराब हो गया और उत्तर प्रदेश ब्रिज कॉरपोरेशन की काफी किरकिरी हुई और इनको ब्रिज यूनिट ने ब्लैक लिस्ट करने की अर्जी भी दी थी। शासन इस दयनीय स्थिति में आए हुए पुल के मरम्मत में कोई रुचि नहीं ले रहा है जो किसी दिन भीषण हादसा का कारण बन सकता है। गौरतलब हो कि सोन नदी का पुल दक्षिणांचल का लाइफ लाइन है। स्थानीय लोगो का कहना है कि जब फोर लेन सड़क का निर्माण हो रहा था तो उसमे पुल क्यों नही शामिल किया गया था । या शामिल किया भी गया तो बना क्यों नही। आज पुल के दोनों ओर रास्ते बंद किये गए है इसका मतलब है कि पुल निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है। ऐसे में इससे गुज़रने वाले लोग स्वयं किसी दुर्घटना के लिए दोषी होंगे।यदि ऐसा नही है तो प्रशासन स्पष्ट रूप से इस बात की सूचना सार्वजनिक करे कि इस पुल को बंद कर दिया गया है ताकि लोग अपनी जान जोखिम में डालकर न चले या फिर प्रशासन इसको अपनी जिम्मेदारी समझते हुए तत्काल जांच कर पुनः मरम्मत कराए ताकि सुरक्षित आवागमन सुगम हो सके ।