अवधनामा संवाददाता (आदिल तन्हा)
बाराबंकी (Barabanki)। कोरोना महामारी से आमजन अभी उबरे है, पर नेतागिरी के आगे इसकी चिंता नहीं, घर का सदस्य जनप्रतिनिधि है, मर्यादा का ख्याल नही और गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर किया गया है इसका डर आंखों से गायब। अदालत ने स्थगन आदेश दे दिया, तो खुद को कानून व्यवस्था से ऊपर समझ लिया। जोश में होश खो बैठे बेलहरा इलाके के एक सपा नेता फिर कानून के दायरे में आ गए। स्टे मिलने की बेजा खुशी में भारी भीड़ एकत्र कर जुलूस निकाल व सरकार विरोधी नारेबाजी कर प्रशासन की नजर में चढ़े अयाज खान समेत 21 को नामजद कर 160 अज्ञात के खिलाफ महामारी, आपदा प्रबंधन अधिनियम के अलावा अन्य धाराओं में पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें कोई शक नही कि अयाज खान कोरोना से बेपरवाह हो कुछ लोगों को इकठ्ठा कर बड़ा नेता साबित करने के चक्कर में अब खुफिया नजरों में कैद हो चले है।
बताते चलें की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने व अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेजने अभियान बराबर जारी है। जिला अधिकारी डॉ आदर्श सिंह जहां कानून व्यवस्था की दृष्टि से अनुपयुक्त व असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का पक्षधर है। वही पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद के निर्देश पर जिला पुलिस ऐसे तत्वों की गिरफ्तारी करा कर जेल की सींखचों के पीछे भेजने की अभियान चला रही है। कानून व्यवस्था की दृष्टि से आमतौर पर शांत माने जाने वाले बाराबंकी क्षेत्र में गुंडा एक्ट में निरुद्ध एक सपा नेता ने इसे चुनौती देने की हरकत कर डाली। नगर पंचायत बेलहरा के चेयरमैन के पुत्र अयाज खान के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। शान्ति व्यवस्था भंग होने, असामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहने आदि वजहों के चलते डीएम के आदेश पर इन्हें जिला बदर कर दिया गया। इस कदर सख्त कार्रवाई होते ही अयाज खान के पैरों तले जमीन खिसक गई। गुपचुप तरीके से अयाज खान उच्च न्यायालय लखनऊ से स्थगन आदेश ले आये। स्टे मिलते ही अयाज ने बाराबंकी के फतेहपुर इलाके में अपने समर्थकों को जमा किया व तमाम वाहनों के साथ जुलूस की शक्ल में बढ़ चले। इसकी खबर होते ही सक्रिय हुई पुलिस ने घेराबंदी की। पुलिस को देख सरकार विरोधी नारेबाजी करते इन लोगों ने मार्ग जाम कर दिया। आनन फानन में तहसील दार, सीओ व पुलिस बल मौके पर पहुंचा व मार्ग खाली कराया। पूंछतांछ में पता चला कि जुलूस में शामिल लोगों को रैली में चलने की बात कह कर बुलाया गया था। पुलिस ने महामारी, आपदा प्रबंधन अधिनियम आदि धाराओं के तहत अयाज खान समेत 21 को नामजद व 160 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। अयाज खान का कृत्य और छवि ऐसी की उनके ही दलीय कुनबे से कोई साथ देने आगे आने को तैयार नही, जो साथ गए भी उनमे अधिकांश पछतावा कर रहे। गुंडा एक्ट में निरुद्ध होने, जिला बदर होने के बाद भी स्टे पाते ही कॉलर चमकाने का जुनून मंहगा पड़ गया, लगता है।
फ़ोटो न 1
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