जिले में बुझ गया स्वतंत्रता संग्राम का आखिरी चिराग

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अवधनामा संवाददाता

 राजकीय सम्मान से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का हुआ अंतिम संस्कार
सांवले प्रसाद आर्य थे जिले के आखिरी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी

बबेरू/बांदा। जिले में एकमात्र जीवित बचे बबेरू कस्बे के निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांवले प्रसाद आर्य आज निधन हो गया। कस्बे के ही मुक्तिधाम में पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके पहले उन्हें गार्ड आफ आनर पेश किया गया। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और दिवंगत सेनानी को श्रद्धांजलि दी।
बबेरु कस्बा के निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांवले प्रसाद आर्य का जन्म 6 जुलाई 1922 में हुआ था। आजादी की जंग में 22 वर्ष की उम्र में कूद पड़े, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान दूर संचार सेवाओ को बाधित करने के लिए तार काटा था, 15 अक्टूबर 1942 को अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर बाँदा की जेल में बंद किया था। 1 जुलाई 1944 को रिहा हुए थे। इलाहाबाद के आंदोलन में भागीदारी करने गए तो फिर से अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार करके इलाहाबाद की जेल में डाल दिया था, जो 6 माह तक जेल में रहे है। बाँदा जनपद से कुल 38 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे। सभी गोलोकवासी हो गए है। एकलौते बचे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांवले प्रसाद आर्य ने भी अंतिम सांस ली।
आजादी के बाद कांग्रेस की हुकूमत में 1972 में प्रधानमंत्री इंद्रिरा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का ताम्र पत्र का प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया था। उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सम्मानित भी कर चुके हैं।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के निधन से घर परिवार सहित बबेरु कस्बा में शोक की लहर छा गयी। सुबह से श्रद्धांजलि देने वालो का तांता लगा रहा। पुलिस ने सलामी दी। इसके बाद मुक्ति धाम में उनके छोटे पुत्र ज्ञानप्रकाश आर्य ने मुखग्नि दी है। अंतिम संस्कार के दौरान नायाब तहसीलदार मनोहर, सीओ राकेश सिंह, हल्का लेखपाल राजेन्द्र द्विवेदी सहित जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल, बबेरु विधायक विशंभर सिंह यादव सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को गार्ड ऑफ आनर देकर शव का किया अंतिम संस्कार
बबेरू/बांदा। बबेरू कस्बे के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के 101 वर्ष की उम्र में हृदय गति रुक जाने से आज निधन हो गया है, जिनके निधन से जनपद सहित क्षेत्र व कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। वही प्रशासनिक लोग राष्ट्रीय सम्मान तिरंगे के साथ गार्ड आफ ऑनर देकर शव का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम बबेरू में पर किया गया।
मामला बबेरू कस्बे के कमासिन रोड का है, जहां के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांवले प्रसाद आर्य का आज शुक्रवार को सुबह हृदय गति रुकने से निधन हो गया है। जैसे ही इस घटना की जानकारी जनपद में हुई तो जनपद से लेकर क्षेत्र व बबेरू कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई, वही सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी पहुंचकर राष्ट्रीय सम्मान तिरंगा झंडे के साथ गार्ड आफ आनर देकर शव का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार बबेरू कस्बे के मुक्तिधाम में आज शुक्रवार को समय करीब 4ः30 किया गया। वही परिजनों ने बताया की 22 वर्ष की उम्र में देश की आजादी एवं आंदोलन पर प्रतिभाग किया, जिसमें 15 अक्टूबर सन 1942 में अंग्रेजी हुकूमत कि दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के इल्जाम में गिरफ्तार कर बांदा जेल में भेजा था, जो 2 साल जेल में बंद रहे उसके बाद 1 जुलाई 1944 में रिहा हुए थे, उसके बाद इलाहाबाद के आंदोलन में भागीदारी करने गए तो वहां अंग्रेजी हुकूमत ने फिर से गिरफ्तार करके इलाहाबाद की जेल में डाल दिया। जो 6 महीने जेल में रहे, उसके बाद 1972 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का ताम्रपत्र का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया था, वही पुलिस क्षेत्राधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सांवले प्रसाद आर्य 101 वर्ष के थे, जो बुंदेलखंड में इकलौते बचे थे। आज उनके निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करते हैं, और उनके राष्ट्रीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर शव का अंतिम संस्कार मुक्तिधाम में किया गया। इस मौके पर कांग्रेश, भाजपा एवं समाजवादी पार्टी के जनप्रतिनिधि पदाधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के 2 पुत्र एक पुत्री के साथ नाती पोते व कस्बे के लोग इस घटना को देखते हुए दुखी है।

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