Thursday, May 15, 2025
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राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु उपलब्ध भूमि का परीक्षण बारीकी से किया जाय – मण्डलायुक्त

The land available for the establishment of a state university should be closely examined - Mandalayukta

अवधनामा संवाददाता

विश्वविद्यालय का पहुंच मार्ग मुख्य सड़क से सीधा तथा पर्याप्त चैड़ाई में होना चाहिए – डीएम
आजमगढ़। (Azamgarh) प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जनपद आज़मगढ़ में राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किये जाने हेतु की गयी घोषणा के अनुसार उपलब्ध भूमियों के परीक्षण एवं विचार विमर्श हेतु मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त की अध्यक्षता में वृहस्पतिवार को उनके कार्यालय कक्ष बैठक आहूत की गयी। बैठक को सम्बोधित करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 4 स्थल प्रस्तावित हैं जिसमें तहसील सदर के अन्तर्गत ग्राम मोहब्बतपुर महलिया दौलतपुर, एवं चण्डेश्वर कम्हरिया मार्ग पर स्थित ग्राम असपालपुर आजमबाॅंध, तहसील निजामाबाद के अन्तर्गत जमालपुर काजी बेगपुर खलसा तथा तहसील सगड़ी के अन्तर्गत ग्राम गदनपुर हिच्छनपट्टी की भूमि सम्मिलित है। मण्डलायुक्त श्री पन्त ने उपलब्ध भूमियों की परीक्षण में पाया कि ग्राम असपालपुर आजमबाॅंध की भूमि के सम्बन्ध में पहुंच मार्ग, भूमि का प्रकार, भूमि के विवादित अथवा अविवादित होने, प्रभावित काश्तकारी एवं आवास आदि के सम्बन्ध में स्थिति पूर्णतया स्पष्ट नहीं कराई गयी है। उन्होंने तहसीलदार सदर को निर्देशित किया कि तत्काल लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता के साथ मौके पर जायें तथा उक्त भूमि का मौका मुआयना कर तत्काल आख्या उपलब्ध करायें, ताकि सभी भूमियों का एक साथ परीक्षण कर विश्वविद्यालय स्थापना हेतु मन्तव्य शासन को प्रेषित किया जा सके।
मण्डलायुक्त विजय विश्वास पन्त ने निर्देश दिया उपलब्ध भूमियों के सम्बन्ध में यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि उक्त भूमि में जल जमाव नहीं हो रहा है अथवा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अन्तर्गत नहीं आती है। इसके अलावा विश्वविद्यालय हेतु क्रय की जाने वाली भूमि तथा पहुंच मार्ग हेतु वांछित भूमि का भी विवरण तैयार करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया विश्वविद्यालय हेतु पहुंच मार्ग हाईवे से सीधा होना चाहिए। मण्डलायुक्त ने कहा कि जो भी भूमि उपलब्ध है वह आज़मगढ़ विकास प्राधिकरण की सीमा से बाहर है, इसलिए विश्वविद्यालय स्थापित किये जाने हेतु जिस भूमि के सम्बन्ध में अन्तिम रूप से निर्णय लिया जायेगा उस क्षेत्र को विकसित करने की रूप रेखा तैयार करने की जिम्मेदारी जिला पंचायत को सौंपी जाय ताकि वहाॅं की भूमि को अव्यवस्थित ढंग से विकसित होने से रोका जा सके।
जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि जो भी नक्शा एवं प्रस्ताव तैयार किया जाय वह के केवल आज की परिस्थिति के हिसाब से नहीं बल्कि आगामी सौ वर्षों को दृष्टिगत रखते हुए तैयार किया जाय। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का पहुंच मार्ग हाईवे से बिल्कुल सीधा और पर्याप्त चैड़ाई में होना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सर्वे में प्रस्तावित भूमि तथा पहुंच मार्ग के समतल होने, मिट्टी भराई तथा उस पर होने वाले व्यय आदि बिन्दुओं पर पूरा ध्यान देते हुए स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।
बैठक में अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र, मुख्य राजस्व अधिकारी हरी शंकर, अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि बलिया/मऊ एके मणि, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, अधीक्षण अभियन्ता सिंचाई सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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