वक़्फ़ नम्बर 1143 आराज़ी नम्बर 728 कुल रकबा 1.78.7 है0 कब्रिस्तान
गोरखपुर । कानून का कहना है कि शमशान या कब्रिस्तान के भू उपयोग को किसी भी सूरत में बदला नही जा सकता। गोरखनाथ ओवरब्रिज के पास हुमायूंपुर उत्तरी कब्रिस्तान से जुड़ा विवाद पुल के लिए पहुंच मार्ग यानी अप्रोच मार्ग के निर्माण को लेकर था। विवाद का मुख्य बिंदु जमीन के मालिकाना हक और रास्ते को लेकर है। विवादित जमीन, जिसका खाता संख्या 728 है, सरकारी रिकॉर्ड में कब्रिस्तान के रूप में दर्ज है।
जबकि इसी कब्रिस्तान का इंद्राज उत्तर प्रदेश सुन्नी सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड में वक़्फ़ नम्बर 1143 दर्ज है। जिसमें आराज़ी नम्बर 728 कुल रकबा 1.78.7 है0 दर्ज है जबकि वर्तमान में नगर निगम ने उस भूमि पर जो बोर्ड लगा है उसपर आराज़ी नम्बर 728 रकबा 0.724 दर्ज है।कुछ स्थानीय लोग इस कब्रिस्तान की जमीन पर ओवरब्रिज तक पहुंचने के लिए एक सड़क बनाने की कोशिश कर रहे थे, जिसका दूसरे पक्ष ने विरोध किया।
यह मामला काफी पुराना है। 1987 में वहां के एक निवासी, राम लखन पांडेय ने रास्ते के लिए मुकदमा दायर किया था। जिसका मुकदमा नम्बर 373/87 है और 14 नम्बर कोर्ट में लंबित है। मुकदमें में नगर निगम के अलावा कब्रिस्तान कमेटी भी पक्षकार है। 1987 से यह मामला अदालत में लंबित है और अब राम लखन पाण्डेय के पोते इस मुकदमें को लड़ रहे हैं। पिछले कई दशकों से इस जमीन पर शव दफनाना बंद कर दिया गया है।
यहां विवाद मुख्य रूप से कब्रिस्तान की जमीन पर प्रस्तावित पहुंच मार्ग के निर्माण और जमीन के मालिकाना हक से संबंधित कानूनी लड़ाई को लेकर है। वर्तमान में नगर निगम द्वारा बोर्ड लगाने के बाद इस मामले में शहज़ादा बनाम नगर निगम एक इजरा दाखिल किया गया है।
पूर्व में सड़क निर्माण के विरोध में एक कमेटी ने गोरखनाथ थाने का घेराव किया और जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा, जिसमें प्रशासन से अतिक्रमण हटाने और अदालत के आदेश को लागू करने का आग्रह किया गया था लेकिन बाद के दिनों में विवाद और गहरा हो गया और अब यहां सब्ज़ी की मंडी लगने लगी है लेकिन नगर निगम ने नो वेंडिंग ज़ोन का बोर्ड भी लगा रखा है।





