अवधनामा जिला संवाददाता हिफजुर्रहमान
मामले की जांच शुरू जल्द कार्यवाही होनें की उम्मीद
हमीरपुर। सरकारें गरीब परिवारों को आवास दे कर उन का उत्थान करना चाहती हैं लेकिन विकासखंड सुमेरपुर के ग्राम पंचायतों में कार्यरत सचिवों नें कुछ और इरादे कर रखें हैं। जिन्हें किसी का डरखौफ है ही नही। एक परिवार की परिभाषा होती है कि जिस के सभी सदस्य एक चूल्हे में खाना बनाते है अर्थात एक छत/छप्पर के नीचे रहते है ऐसे ही परिवार को आवास योजना का लाभ दिया जाना चाहिए न कि पती और पत्नी दोनों को देदिया जाए ऐसा करना सरासर गलत है ऐसा मामला सुमेरपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत अमिरता में सामनें आया है जहाँ आवास लाभार्थियों से सांठगांठ बनाकर वित्तीय वर्ष 21-22 में पतियों को सीएम आवास तथा वर्ष 22-23 में पत्नियों को पीएम आवास थमा दिए गये। दोहरा लाभ देने की जानकारी होने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। अब संबधित सचिव के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी की जा रही है।
ग्राम पंचायत अमिरता की आवास सूची की वेबसाइट में वित्तीय वर्ष 2021-22 की सूची में गांव निवासी आसाराम, रामकैलाश, हरिया, पंकज, रामखेलावन, रामकेश, मनफूल, गयादीन व भूरा को मुख्यमंत्री आवास प्रदान किए गए। इसके बाद वित्तीय वर्ष 22-23 में इनकी पत्नियों राजेश्वरी, सुशीला, बउआ, रमाकांती, कंची, शिवकली, शिवपति, पसुनिया, मंजू को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि तत्कालीन पंचायत सचिव ने लाभार्थियों से सांठगांठ बनाकर एक ही परिवार को योजना का दोहरा लाभ दिया है। जिला विकास अधिकारी व प्रभारी खंड विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की गहनता के साथ जांचकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।