अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज :(Prayagraj) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा है कि कोराना संक्रमण पर जल्दी काबू पाने के लिए वैक्सीन खरीदने की लंबी टेंडर प्रक्रिया अपनाने के बजाए वैक्सीन निर्माताओं से भारतीय राजनयिक के जरिये सीधा संवाद करे। कोर्ट ने कहा कि पूरे प्रदेश में टीकाकरण का कार्य तीन से चार माह में पूरा कर लिया जाए तभी इसका लाभ मिलेगा। अन्यथा तेजी से फैल रहे संक्रमण और तीसरी लहर की आशंका के बीच अब तक किया गया प्रयास निरर्थक हो जाएगा।
कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय बाजार से टीके खरीदने का रास्ता सुझाया है और पूछा है कि इस प्रक्रिया को सरकार कैसे अंजाम देगी। कोर्ट ने टीकाकरण कार्यक्रम पर भी अगली सुनवाई पर योजना मांगी है। याचिका की सुनवाई 11 मई को होगी।
अदालत ने प्रदेश में जमाखोरों से जब्त किए गए रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य जीवन रक्षक दवाओं को जल्द रिलीज करने के लिए प्रदेश के सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट को मामलों का तीन दिन में निस्तारण करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डीजीपी यूपी को भी निर्देश दिया है कि वह सर्कुलर जारी कर सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दें कि जब्त की गई दवाओं को रिलीज कराने के लिए 24 घंटे के भीतर संबंधित मजिस्ट्रेट से संपर्क करें। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नसीहत दी है कि संक्रमण की दर में भले ही कमी आ रही है मगर यह आराम से बैठने का समय नहीं है। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने की जरूरत है।
प्रदेश में पर्याप्त ऑक्सीजन
सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन का कोई संकट नहीं है। मांग और आपूर्ति की मामूली दिक्कत थी मगर इतनी नहीं कि इसकी कमी से किसी की जान चली जाए। अब यूपी में पर्याप्त ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने बताया कि मई 2021 में साढ़े आठ करोड़ वैक्सीन उपलब्ध है। केंद्र सरकार के पास वैक्सीन के मद में 35 हजार करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध है। को वैक्सीन और कोविडशील्ड के अलावा और वैक्सीन बाहर से खरीदने के लिए सरकार ने वैक्सीनों के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए नियमों में ढील दी है। वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी और इसे कोई भी खरीद सकता है। इस पर कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से प्रदेश सरकार का स्टैंड पूछा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने पहले ही ग्लोबल टेंडर जारी कर चुकी है।
जल्दी टीकाकरण न हुुआ तो वैक्सीन होगी बेअसर
कोर्ट ने कहा कि सरकार टेंडर की लंबी प्रक्रिया अपनाने के बजाय सीधे इसकी खरीद का प्रयास करे क्योंकि जिस प्रकार से संक्रमण फैल रहा है और तीसरी लहर आने की आशंका बनी है। वायरस का म्यूटेशन इतना तेज होगा यह वैक्सीन के प्रभाव को निष्प्रभावी कर देगा। ऐसे में अब तक किए गए सभी प्रयासों का इच्छित परिणाम नहीं मिल सकेगा। कोर्ट ने सरकार को वैक्सीन शीघ्र हासिल करने का रास्ता खोजने के लिए कहा है।