अवधनामा संवाददाता
लखनऊ(बाराबंकी)। बहनजी आज भाजपा पसमांदा मुसलमानो की बात भी कर रही हैं थोड़ी हिस्सेदारी भी दी हैं जबकि पसमांदा मुस्लिमों का वोट आपने लिया हैं कई बार सीएम बनी आपने कभी किसी पसमांदा मुस्लिम को विधान परिषद नहीं भेजा। आपको किसने रोका था। यह बात ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राईन का है. दरअसल पसमांदा मुस्लिमों को लेकर उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत में राजनीति हो रही है. हर कोई पसमांदा मुस्लिमों को अपनी तरफ खींचने में लगे हुए हैं. इसी क्रम में पसमांदा मुसलमान भाजपा पर भरोसा करना शुरू कर दिया क्योंकि पसमांदा मुसलमानों को तमाम तरीके की मांगों को पूरा करने का काम भाजपा कर रही है. यहां तक की उत्तर प्रदेश में पसमांदा मुस्लिम का एक मंत्री भी बनाया है. एमएलसी भी बनाया और तीन लोगो को आयोगो का अध्यक्ष भी बनाया हैं पसमांदा मुसलमानों की निगाहें भाजपा की तरफ टिकी हुई है इसी बात को लेकर उत्तर प्रदेश में काफी ज्यादा राजनीति छोड़ गई है .क्योंकि ऑल इण्डिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम जब से हक अधिकार की बात करना शुरू कर दिया तब से पसमांदा मुस्लिम समाज की बात मुद्दा जैसी शुरू हो गई है. बची कुची बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पसमांदा मुसलमानों को अपना हितैषी बताते हुए ट्विटर पर पोस्ट किया उन्होंने लिखा कि अपने केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थ की खातिर ’पसमान्दा मुस्लिम समाज’ का राग भाजपा व आरएसएस का अब नया शिगुफा, जबकि मुस्लिम समाज पहले मुसलमान हैं तथा उनके प्रति इनकी सोच, नीयत, नीति एवं उनका ट्रैक रिकार्ड क्या व कैसा है यह किसी से भी छिपा नहीं। भाजपा की मुस्लिम समाज के प्रति निगेटिव सोच का परिणाम है कि इनकी सरकार में भी वे लगभग उतने ही गरीब, पिछड़े, त्रस्त एवं जान-माल-मजहब के मामलों में असुरक्षित हैं जितने वे कांग्रेसी राज में थे। मुस्लिम समाज का, दलितों की तरह पसमान्दा व उपेक्षित बने रहना अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण।. जबकि बीएसपी की यूपी में चार बार रही सरकार में सर्वसमाज के हित-कल्याण व सुरक्षा-सम्मान के साथ-साथ हमेशा उपेक्षित रहे दलित, पिछड़ा एवं अक्लियत समाज के लोगों के जान-माल-मजहब आदि की सुरक्षा तथा न्याय की गारण्टी यहाँ पहली बार कानून द्वारा कानून का राज स्थापित करके सुनिश्चित की गई। इसी ट्वीट को लेकर वसीम राईन भी तंज कसते हुए बसपा सुप्रीमो पर हमलावर हो गए है और उन्होंने कहाँ की बसपा की सरकार में आपने सिर्फ़ 15फ़ीसदी आबादी वाले मुसलमानो की बात की कभी 85 फ़ीसदी आबादी वाले पसमांदा मुसलमानो की कोई आवाज़ नहीं उठाई न ही अपने संगठनो में सरकार में टिकट बटवारे में आबादी के अनुपात हिस्सेदारी दी आज पसमांदा मुसलमानो बहन जी आप भरोसा बिल्कुल ख़त्म हो चुका हैं जब से देश के लोकप्रिय प्रधानमन्त्री जी पसमांदा मुसलमानो के बारे में बोले है तभी से आज तक पसमांदा मुसलमानो को अपना ग़ुलाम समझने वाली पार्टियों के दर्द चालू हो गई उसको मजबूर समझ कर भाजपा का डर दिखा कर सिर्फ़ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया हैं।
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