लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की राजधानी लखनऊ में खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक तरफ महापौर संयुक्ता भाटिया लखनऊ को स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनाने की बात कर रहीं हैं तो वहीं दूसरी ओर शहर की सड़कों पर गंदगी और कूड़े का अंबार लगा हुआ है। नगर निगम की ओर से कूड़ा उठान व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है।
जगह-जगह सफाई कर्मचारी सड़कों पर ही कूड़ा फेंक कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ले रहे हैं। जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। गंदगी और बदबू के चलते आस-पास के घरों में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं और लोग बीमार हो रहे हैं।
साफ-सफाई का ऐसा ही हाल लखनऊ के बालागंज क्षेत्र का है। यहां कैंपल रोड पर अब कूड़ा जमा करने का अड्डा बन चुकी है। सफाई कर्मचारी के साथ ही स्थानीय लोग अपने घरों का कूड़ा सड़क पर फेंक रहे हैं। जिसके चलते यहां कूड़े के ढेर गए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम की तरफ से कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। जिससे पूरी सड़क गंदगी से पट चुकी है। तेज बदबू के चलते यहां से गुजरने वाला हर राहगीर बेचैन हो जाता है। सड़क पर गंदगी के चलते यहां पूरा दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। कूड़े के ढेर पर दिनभर मवेशी मंडराते रहते हैं। जो कभी-कभी आपस में लड.ते हुए राहगीरों की जान के लिए खतरा बन जाते हैं।
स्थानीय निवासी दानिश अली ने बताया कि हम लोगों ने कई बार नगर निगम के अधिकारियों से शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहीं पर एक्जान स्कूल का प्ले ग्राउंड भी है। गंदगी और बदबू से सकूल के छोटे-छोटे बच्चे भी परेशान हैं।
स्कूल प्रशासन ने भी इस संबंध में सीएम कार्यालय और नगर निगम को पत्र लिखकर समस्या की जानकारी दी है। लेकिन फिलहाल अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। बता दें कि अभी कुछ महीने पहले ही शहर में साफ-सफाई के लिए कोर्ट को भी हस्तक्षेप करना पड़ा था। जिसके बाद थोड़ा सुधार आया था। लेकिन अब फिर से वही स्थिति हो गयी है।