कोई भी देश अपने बच्चों को जलवायु परिवर्तन से प्रभावों से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और द लांसेट पत्रिका की साझा रिपोर्ट में यह बात उभर कर सामने आई है.
यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र ने तैयार कराई है. इसमें कहा गया है कि दुनिया में हर बच्चे का भविष्य दांव पर लगा है क्योंकि दुनिया के देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. रिपोर्ट कहती है कि बच्चों को स्वच्छ और स्वस्थ परिवेश नहीं दिया जा रहा है जो उनके विकास और सेहत के लिए बहुत जरूरी है.
इस रिपोर्ट को बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य पर विशेषज्ञता रखने वाले 40 से ज्यादा लोगों ने तैयार किया है.रिपोर्ट में कहा गया है, “जलवायु परिवर्तन, इको तंत्र को होने वाले नुकसान, लोगों के बेघर होने, संघर्ष, असमानता और व्यावासायिक फायदे के लिए कारोबारी तौर तरीकों की वजह से हर देश में बच्चों की सेहत और उनका भविष्य खतरे में है.”
रिपोर्ट के मुताबिक अमीर देशों में रहने वाले बच्चे इन समस्याओं से निपटने के मामले में बेहतर स्थिति में हैं. लेकिन यही अमीर देश सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहे हैं जो सब बच्चों के लिए खतरा पैदा कर रहा है.