अवधनामा संवाददाता
प्रयागराज : इलाहाबाद झाँसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी पिछली बार के उप विजेता अशोक सिंह राठौर ने एक मुलाकात में बताया कि पुरानी पेंशन और वित्त विहीन शिक्षक के मानदेय का मुद्दा तो प्रमुख है , इसके साथ में जब वित्त विहीन शिक्षक फूल टाइम काम करता है तो उसे पार्ट टाइम जॉब नहीं मानकर वोटिंग से वंचित कर दिया गया तो उसकी लड़ाई कोर्ट तक लाडे और वोर्टिंग का अधिकार प्राप्त किया है , इसके आलावा एक नश्चित योग्यता के आधार पर अध्यापक न होने पर अध्यापक कि न्युक्ति होती है , अप्रूवल भी मिलता है पता चला 20 साल बाद उसे तदर्थ अध्यापक मान कर हटा दिया जाता है , जिसने बीस साल सेवा दिया है उसके साथ यह अन्याय की बात है .
शिक्षक नेता शोक कुमार राठौर ने यह भी मुद्दा उठाया की स्ववित्त पोषित स्कूलों को सेण्टर न बनाया जाना भी गलत है , पता चला की जो बच्चियां उन स्कूलों पढ़ती हैं उनको दूर जाना पड़ता है जहाँ सुविधाएँ नहीं होती हैं , इसकी लड़ाई भी वे लड़ रहे हैं .
मूलतया जालौन के रहने वाले शिक्षक नेता अशोक कुमार राठौर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त लगे और उन्होंने कहा कि पिछली बार फेक वोटिंग की वजह से उनकी हार हुई है लेकिन इस बार वोटर लिस्ट दुरुस्त है . एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उनके स्कूलों में सब टीचर को अच्छा वेतन और ईपीएफ की सुविधा है . सरकार अपना पल्ला झाड़ ले रही है शिक्षकों के मामले में उसकी लड़ाई वे सदन में लड़ेंगे .
शिक्षक नेता का कहना था कि टीचर को सम्मान चाहिए और आज टीचर ही ऐसा है जिसका सम्मान समाज में है , हम चौराहे पर आज अपने बच्चों को भी डांट नहीं सकते हैं लेकिन अगर वहीँ चौराहे पर अध्यापक खड़ा हो तो हम डरते हैं और सम्मान करते हैं , यह सम्मान बनाये रखना जरुरी है .