अवधनामा संवाददाता
नहीं पहुंचा कोई जिम्मेदार अधिकारी।
हमीरपुर :मौदहा क्षेत्र के रमना किशनपुर में जर्जर सड़क निर्माण के लिए शुरू हुए अनशन के दूसरे दिन किसी जिम्मेदार अधिकारी ने मौके पर पहुंच कर अनशन कारियों की सुध नहीं ली,जबकि खराब मौसम और हल्की बारिश भी अनशनकारियों के हौसले को नहीं डिगा सकी जबकि अनशनकारियों ने बुधवार से पास के तालाब में जल सत्याग्रह की घोषणा की है।कोतवाली क्षेत्र के रमना किशनपुर को मौदहा बसवारी मार्ग से जोड़ने वाली सड़क बीते एक दशक में मरम्मत के आभाव में लगभग समाप्त हो गई है जिसमें आना जाना भी मुश्किल हो गया है और किनारे पर बिना भीठ का तालाब होने के कारण आएदिन बाईक सवार और सायकिल सवार तालाब में गिरकर घायल होते रहते हैं।जिसके निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने पिछले हमीरपुर सदर सीट के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में मतदान न करने का फैसला किया था लेकिन उसी दौरान अधिकारियों के गांव जाकर ग्रामीणों के साथ मानमनौव्वल और चुनाव बाद सड़क निर्माण के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने वोट डाले थे।लेकिन चुनाव के बाद रात गई बात गई वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए अधिकारी अपने आश्वासन भूल गए और स्थिति जस की तस बनी रही।उसके साथ ग्रामीणों ने फिर से अधिकारियों की टेबल पर कागज दौड़ाने शुरू कर दिए लेकिन समस्या का समाधान नहीं होने पर बुण्देलखण्ड नवनिर्माण सेना के जिलाध्यक्ष देव यादव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने एसडीएम को पत्र देकर अनशन की घोषणा कर दी जिसका मंगलवार को दूसरा दिन था लेकिन खराब मौसम और हल्की बूंदाबांदी के बीच भी अनशनकारियों के हौसले पस्त नहीं हुए लेकिन अनशन के दूसरे दिन किसी जिम्मेदार अधिकारी ने अनशनकारियों की सुध नहीं ली जिसके चलते अनशनकारियों ने बुधवार को पास के तालाब में जल सत्याग्रह करने की घोषणा की है।इस दौरान दिनेश अनुरागी, प्यारेलाल, राजकुमार सविता, राहुल अनुरागी, श्रीओम पाल, रामविलास वर्मा, बबलू यादव, श्री राम औतार वर्मा, चंद्रभान सहित एक दर्जन से अधिक ग्रामीण उपस्थित रहे।