साधारण परिवार के असाधारण पुरुष थे पदमश्री हनीफ शास्त्री

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The extraordinary man of an ordinary family was Padma Shri Hanif Shastri

अवधनामा संवाददाता

सोनभद्र ((S0nbhadra)। प्रोफ़ेसर मोहम्मद हनीफ शास्त्री दुद्धी के बीड़र गांव के मूल निवासी थे। उन्होंने जनपद को पद्मश्री दिला कर इतिहास रच दिया था। एक साधरण परिवार में जन्म लेकर अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने यह गौरव प्राप्त किया ।डॉक्टर हनीफ़ को ‘ साहित्य और शिक्षा के बीच असाधरण अंतर को समझाने के लिए महामहिम
राष्ट्रपति जी ने यह ग़ैरव प्रदान कर सोनभद्र को उपकृत किया था। जिससे हम सभी जिले के लोग सम्मानित हुआ महसूस करते हैं। यह पहला अवसर था जब जिले में पद्मश्री सम्मान किसी को मिला था ।
        यह था काम
 कुरान, वेद , भगवतगीता  उपनिषद  और  पुराण में समानता पर न  वे केवल लिखते रहे ,बल्कि देश विदेश में प्रवचन भी करते रहे । वियतनाम की राजधानी हनोई में महामहिम ने टीवी पर इनके विचार प्रसारण केदौरान सुने और बेहद प्रभावित हुए, स्वदेश आने पर इन्हें बुलवाकर मुलाकात किए थे । गीता और पुराण में मानवीय सदभावना पर दूरदर्शन  पर  इनका लेक्चर टेलीकास्ट हुआ था जो महामहिम को भा गया था ।सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से आचार्य डॉक्टर हनीफ़ नई दिल्ली के राष्ट्रीय  संस्कृत संस्थान डीम्ड यूनिवर्सिटी में बतौर संस्कृत प्रोफ़ेसर सेवा दिए थे ।
सोनभद्र की माटी के लाल ने इतिहास रच कर गौरवान्वित किया था ।
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