अवधनामा संवाददाता
अयोध्याधाम ।अयोध्या लोकसभा के प्रभारी तथा कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक प्रसाद कांग्रेस कार्यालय कमला नेहरू भवन पर प्रदेश सरकार में बढ़ते हुई अपराध को लेकर मे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना विरोध जताया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए लोकसभा प्रभारी तथा प्रदेश उपाध्यक्ष आलोक प्रसाद ने कहा पूरा प्रदेश अपराध की आग में जल रहा है। अपराधी बेखौफ होकर प्रतिदिन अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। वर्ष 2023 एनसीआरबी रिपोर्ट के आकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के प्रति अपराधों के मामलों में पहले स्थान पर है। इसी रिपोर्ट के अनुसार पूरे भारत में होने वालों अपराधों में 15 प्रतिशत अपराध उत्तर प्रदेश में होते हैं। आलोक प्रसाद ने अपराधों पर बात करते हुए कहा इसकी सिर्फ दो बानगी देखिए एक प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जहां 02 नवम्बर 2023 को आईआईटी बीएचयू की छात्रा का तीन लड़कों द्वारा जबरन गन प्वांइट पर उसकी नग्न अवस्था का वीडियो बनाया गया एवं दुष्कर्म किया गया। 03 नवम्बर को ही कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बता दिया था कि इस घटना में भाजपा के लोगों का हाथ है। इस पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई। 05 नवम्बर को सीसीटीवी फुटेज से लड़कों की पहचान कर ली गई। 08 नवम्बर को पीड़िता द्वारा भी उनकी पहचान कर ली गई। आरोपियों की पुष्टि होने के पश्चात भाजपा द्वारा उन्हें मध्य प्रदेश के चुनाव प्रचार में भेज दिया गया।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आरोपियो की पहचान होने के बाद भी उनको गिरफ्तार करने में दो महीने क्यों लगे? क्या 5 राज्यों में चुनाव के कारण भाजपा आरोपितों को बचा रही थी? अगर छात्रों और कांग्रेस अध्यक्ष का इतना दबाव न होता तो शायद आरोपित पकड़े भी नहीं जाते।
संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है, और दुर्भाग्य यह है की ये घटना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की है। आलोक प्रसाद ने कहा दूसरी घटना प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र गोरखपुर की है जहां विनोद उपाध्याय को सुल्तानपुर में पुलिस द्वारा कथित मुठभेड़ में मार दिया गया। ये बात आइने की तरह साफ है कि गोरखपुर के रहने वाले विनोद उपाध्याय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पुराने विरोधी रहे हैं। योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद विनोद उपाध्याय पर शिकंजा बढ़ता गया और कमशः उन पर ईनाम की धनराशि भी मामले को गंभीर दिखाने के लिए बढ़ाई गई।
यह मुठभेड़ व्यक्तिगत कुंठा और राजनैतिक विद्वेष से प्रेरित है और योगी सरकार का एक जाति विशेष विरोधी चेहरे को उजागर करती है। कांग्रेस पार्टी इस घटना की न्यायिक जांच की मांग करती है।