जनपद को मिले 7.5 टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन, मांग थी नौ टन की

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The district received 7.5 tons of liquid medical oxygen, the demand was nine tons
अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़ । (Azamgarh) आक्सीजन प्लांट में उत्पादन ठप होने का मामला शासन तक पहुंचने के बाद आक्सीजन प्लांट में रिफिलिग को साढ़े सात टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन पहुंच पाई। जबकि वार्ता नौ टन लिक्विड उपलब्ध कराने की थी। जिले को रेलमंत्री की आक्सीजन एक्सप्रेस से भी उम्मीदें हैं। बोकारो से एलएमओ की गाड़ियां शनिवार की सुबह लखनऊ पहुँच गई है।
बहरहाल, डूबते को तिनके का सहारा ही काफी था। जिले के कोविड-नन कोविड अस्पतालों को उनकी डिमांड के सापेक्ष थोड़ा कम सही, लेकिन जरूरतें पूरी करने की कोशिश की गई। मसलन, 15 से 20 सिलिडर एक-एक अस्पताल को उपलब्ध कराए गए।
शहर के एकरामपुर स्थित आक्सीजन प्लांट में गुरुवार की शाम को उत्पादन ठप हो गया था। इसकी भनक लगते ही सरकारी मशीनरी की नींद उड़ गई थी। प्रशासन के सामने मुश्किल राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को बचाने की थी। ऐसे में निजी कोविड एव नन-कोविड अस्पतालों की आपूर्ति में कटौती कर दी गई। उसके बाद हाहाकार की नौबत आई तो खबर मीडिया में भी सुर्खियां बनीं। इसका असर रहा कि जिला प्रशासन ने जोर आजमाइश की तो वाराणसी से नौ टन लिक्विड मेडकल आक्सीजन के आपूर्ति पर सहमति बन गई। लेकिन आपूर्ति पहुंची तो साढ़े सात टन ही लिक्विड निकली। बहरहाल, आक्सीजन प्लांट का पहिया डोला तो सैकड़ों जानों को संजीवनी मिल गई। करीब नौ सौ सिलिडर तैयार हुए, जिसमें जिला प्रशासन ने निजी कोविड, नन-कोविड अस्पतालों को दिया गया। एकरामपुर स्थित प्लांट के मालिक अतुल सिंह ने बताया कि मुझे एलएमओ की सप्लाई जिलाधिकारी के प्रयासों से मिली है। मैने लखनऊ के जरिए अपनी जरूरतें दर्शाते हुए भी एलएमओ की डिमांड भेजी है, जिसके मिलने की दुश्वारियां थोड़ी कम होंगी।
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