अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान।
मौदहा हमीरपुर।बीते डेढ़ महीने से कस्बे सहित क्षेत्र में खसरा का प्रकोप फैला हुआ है लेकिन स्वास्थ्य विभाग मौन धारण कर बैठा हुआ था।अवधनामा समाचार पत्र में खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग में खलबली मची और स्वास्थ्य विभाग अपनी कुम्भकर्णी नींद से जागा।जो काम पहले ही करना चाहिए था वह अब किया जा रहा है। खसरा प्रभावित मोहल्लों का स्वास्थ विभाग ने टीमें भेजकर सर्वे कराया है।
इस समय मौदहा के मोहल्ला हुसैनिया, शेखचांद बाबा, साजन तालाब, हैदरिया और तरौस के कुछ क्षेत्र में खसरा फैला हुआ है।हालांकि खसरा बीते डेढ़ महीने से फैला हुआ है जिसपर दिसम्बर महीने के आखिरी में समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद हैदरिया और बड़ा कसौड़ा में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सर्वे किया था।उसके बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं और इस समय हुसैनिया, साजन तालाब और शेखचांद बाबा के निकट भयंकर तरीक़े से खसरा फैला हुआ है जिसपर बुद्धवार के अंक में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सर्वे किया।इस सम्बंध में सीएचसी कार्यकारी प्रभारी डा.रजत रंजन तिवारी ने बताया कि सर्वे कराया गया था जिसमें चार बच्चे मिले थे जिसमें से एक बच्चा बाहर से आया था और तीन बच्चे कस्बे के ही थे।सम्भवतः उसी बाहरी बच्चे से इन्हें भी संक्रमण हुआ हो ऐसा लग रहा है लेकिन दवा पिलवा दी गई है और टीकाकरण करा दिया गया है।जबकि दो अन्य बच्चों के भी दाने निकलने की शिकायत मिली थी लेकिन वह खसरा नहीं है।क्योंकि हर तरह के दाने खसरा नहीं होते हैं।गली मोहल्लों में बैठे झोलाछाप डाक्टरों का कर्तव्य है कि यदि कोई बीमारी फैल रही हो और उन के पास मरीज आ रहे हों तो ऐसे डाक्टरों को मौदहा सरकारी अस्पताल को सूचित करना चाहिए लेकिन नही किया जात स्वास्थ्य विभाग को झोलाछापों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए।