अवधनामा ब्यूरो
नई दिल्ली. कोरोना मरीजों के साथ देश के अस्पतालों में जिस तरह से लूट चल रही है वो किसी से छुपी नहीं है लेकिन दिल्ली के कंझावला स्थित सावित्री अस्पताल ने तो एक कोरोना मरीज़ की मौत के बाद उसके जेवर उतार लिए. परिजनों ने शिकायत की तो अस्पताल ने उन्हें भगा दिया.
सावित्री अस्पताल में कोरोना पीड़ित 41 वर्षीय हसरती सिद्दीकी की मौत हो गई थी. 16 अप्रैल को भर्ती की गई इस महिला ने अपने कानों में चार-चार गहने और नाक में बाली पहन रखी थी. 20 अप्रैल को महिला की मौत हो गई तो महिला के जेवर उतार कर लाश मर्चरी में भेज दी गई.
मौत की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे तो अस्पताल ने छोटे जेवर तो लौटा दिए लेकिन कान में पहनी गई बड़ी-बड़ी बालियाँ जिनकी कीमत 50 हज़ार रुपये से ज्यादा हैं नहीं लौटाया. परिजनों से अस्पताल ने कागजों पर सामान सौंपते वक्त साइन भी करा लिए. घर पहुंचकर जब घर वालों को इस लूट का पता चला तो उन्होंने अस्पताल से सम्पर्क किया लेकिन अस्पताल ने यह कहकर भगा दिया कि सब सामान लौटा दिया है.
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घर वालों ने इस सम्बन्ध में अस्पताल के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी है. घर वालों ने पुलिस को 17 अप्रैल को वीडियो काल पर हुई बातचीत की वह रिकार्डिंग भी दी है जिसमें उनके कान में वह कुंडल नज़र आ रहे हैं.
घर वालों ने कहा है कि उनके लिए यह सदमे की बात है कि उन्होंने परिवार का एक सदस्य खो दिया और अस्पताल ने उन्हें मरने के बाद भी लूट लिया.