उपभोक्ता परिषद् ने ऊर्जाक्षेत्र में निजीकरण के कामो को गिनाकर सरकार से लगाई गुहार कहा जनता की महगी बिजली खराब बिलिंग सौभाग्य में घटिया काम स्मार्ट मीटर रूपी तराजू में भार जंपिंग करोड़ो के निजी कंसल्टेंट सबके लिए निजीघराने जिम्मेदार खामियाजा जनता के सर दूसरी ओर टोरेंट व एनपीसीएल मालामाल
बिजली दर सुनवाई के बीच पूर्वांचल के निजीकरण पर उपभोक्ता परिषद् की याचिका पर आयोग द्वारा पॉवरकॉर्पोरशन से 7 दिन में जो जबाब माँगा गया था आज 7 दिन पूरा नहीं दे सका पॉवरकॉर्पोरशन जबाब उपभोक्ता परिषद् 24को बिजली दर की सुनवाई में खोलेगी पोल
वर्तमान में जब सरकार व कुछ नौकरशाहो को यह लगता है की बिजली विभाग में सुधार का एक मात्र विक्लप निजीकरण है तो उपभोक्ता परिषद् आज जो खुलसा करने जा रहा वह सभी के होश उडा देगा प्रदेश में अब तक बिजली क्षेत्र में जिन परियोजनाओ का जिम्मा निजीघरानो व उनके कार्मिको के भरोसे रहा उसका विवरण और सफलता सरकार को यह सोचने पर विवश कर देगा की निजीकरण जनहित में नहीं है सबसे पहले 1993 ने नोएडा पावर कंपनी का गठन तबसे लगातार निजी कंपनी लाभ कमा रही कोई समीक्षा नहीं फिर 2009 में टोरेंट पावर कंपनी का अनुबंध आज पुराना बिजली का बकाया लगभग 2200 करोड़ हड़प के बैठी फिर एमओयू रुट से प्रदेश में उत्पादन इकाइयो को लगाने का निर्णय खामियाजा महगी बिजली खरीद और आज तक बिजली दरों में बढ़ोतरी की मार केवल निजीघरानो व जॉइंट वेंचर को फिक्स्ड चार्ज के रूप में हर वर्ष लगभग 11 हजार करोड़ का भुगतान बिजली लो या न लो देना पडे़गा जिसका खामियाजा जनता भुगत रही आज जिसके चलते कई वर्षो से बिजली दर बढ़ोतरी की मार जनता को झेलना पड़ रहा । सौभाग्या योजना में हजारो करोड़ खर्च किया निजी घरानो ने जो काम किया वह बहुत ही घटिया क्वालटी का था आज भी अनेको गांव में कही मीटर तो कही केबिल नहीं कही बिजली नहीं उसका खामियाजा जनता भुगत रही ।
वही दूसरी ओर उपभोक्ता परिषद् के लोक महत्वा याचिका पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा पूर्वांचल के निजीकरण पर जो 7 दिन में बिजली दर की सुनवाई के पहले पावर कार्पोरेशन सेजबाब माँगा था अभी तक कार्पोरेशन जबाब आयोग को नहीं दाखिल किया गया है उपभोक्ता परिषद् आगामी 24 को बिजली दर की सुनवाई में सबकी पोल खोलेगा ।
उ0प्र0 राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा बिलिंग व उपभोक्ता सेवा में सुधार बिजली चोरी सहित अनेको पैरामीटर की ऑनलाइन समीक्षा के नाम पर बिलिंग सोफ्ट्वेयर व आईटी से सम्बंधित करोड़ो के ऐप खरीदे गये और खर्च किया गया उसके बाद आज भी लगभग 75 लाख से ऊपर उपभोक्ताओ को उनकी सिक्योरटी पर व्याज इसलिए कई सालो से नहीं मिल रहा क्यों की सिस्टम में सिक्योरटी राशि फीड नहीं 100 करोड़ से ऊपर उपभोक्ता का व्याज आज भी विभाग के पास लंबित बिलिंग में मैसेज कुछ भुगतान कुछ करोड़ो के दर्जनों ऍप लेकिन कही पारदर्शिता नहीं सुधार के लिए करोड़ो के निजी कंसल्टेंट घाटा लगातार बढ़ रहा जो अब 90 हजार करोड़ के ऊपर स्मार्ट मीटर परियोजना हाल सबके सामने बत्ती गुल भार जंपिंग बिलिंग वयवस्था में आये दिन वयवधान सुधार के दावे हवा हवाई निजी मीटर कम्पनिया आये दिन नयी टेक्नोलॉजी लेकर आती है अगर पांच साल में आकड़ा निकाला जाय तो हजारो करोड़ रुपया मीटर खरीद में बर्बाद उसका खामियाजा बिजली दर में उपभोक्ता के मथे ।