गौशाला की अव्यवस्था देख चढ़ा आयुक्त का पारा

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अवधनामा संवाददाता

 तत्काल केयरटेकर को हटाकर दूसरे केयरटेकर की तैनाती के दिए निर्देश
 गुढ़ाकला गौशाला की सभी व्यवस्थाआंे में सुधार के निर्देश

बांदा। आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल आर पी सिंह एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक, चित्रकूटधाम परिक्षेत्र, बांदा के साथ ग्राम पंचायत द्वारा संचालित उक्त कान्हा गौशाला सियार पाखा, ग्राम पंचायत गुढ़ाकला तहसील नरैनी का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय खण्ड विकास अधिकारी, प्रधान ग्राम पंचायत, पशु चिकित्सा अधिकारी तथा अन्य अधीनस्थ स्टाफ मौके पर मिला । यह गौशाला ग्राम पंचायत द्वारा संचालित की जा रही है जिसमें 230 गौवंश संरक्षित हैं। गौवंशों के भोजन हेतु बनी चरही को देखने से विदित हुआ कि इसकी कभी साफ – सफाई नहीं की जाती है। चरही तो गंदी थी ही साथ-ही-साथ आस- पास और पूरा परिसर बहुत गन्दा था जिससे स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत के सम्बन्धित अधिकारियों और गौशाला के केअर टेकर द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौवंशों को भोजन में मात्र प्यार कतर कर दिया जा रहा है। गौवंशों के पानी पीने के लिए जो चरही बनी है, उसमें भी पानी बहुत ही खराब भरा हुआ था।
जिस पर आयुक्त ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित खण्ड विकास अधिकारी, सचिव एवं पशु चिकित्साधिकारी से यह पूंछने पर कि उनके द्वारा कितने दिन में भ्रमण किया जाता है तो बताया गया कि 07 दिवस में एक बार किया जाता है। पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उन्हें जब भी बुलाया जाता है, वह तत्काल आते हैं। मृत गौवंशों के सम्बन्ध में पशु चिकित्सा अधिकारी से जानकारी करने पर बताया गया कि दो-तीन माह में लगभग 30 गौवंशों की स्वाभाविक मृत्यु हुई है। गौवंशों से सम्बन्धित पंजिका का अवलोकन किया। स्पष्ट हुआ कि 01 नवम्बर से अब तक 32 गौवंशों की मृत्यु हुई है, किन्तु यह कहीं अंकित नहीं किया गया। इस प्रकार स्पष्ट है कि पशु चिकित्सा अधिकारी भी अपने दायित्वों का निर्वहन समुचित रूप से नहीं कर रहे हैं। पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि उनके द्वारा मृत गौवंशों को दफनाने के लिए कहा जाता है तो त्वरित रूप से यथोचित कार्यवाही नहीं की जा रही है। मौके पर उपस्थित श्री संतोष कुमार, ग्राम पंचायत प्रधान को निर्देशित किया गया कि भविष्य में यदि किसी गौवंश की स्वाभाविक मृत्यु होती है तो उसको सुव्यवस्थित रूप से तत्काल दफनाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
कान्हा गौशाला में तैनात केयर टेकर लाल बाबू से गौशाला में उक्त अधिकारियों के आगमन के सम्बन्ध में पूंछने पर उसके द्वारा सरसरी तौर पर बताया गया कि सभी अधिकारी प्रतिदिन आते हैं, जबकि खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी और सचिव पूर्व ही अधोहस्ताक्षरी को 07 दिवस में एक बार आने की बात बता चुके थे। स्पष्ट है कि केयर टेकर अपने दायित्वों का निर्वहन में घोर लापरवाही बरत रहा है। केयर टेकर द्वारा किसी भी बात को गंभीरता से नहीं बताकर सरसरी तौर पर बताया गया। स्पष्ट है कि केयर टेकर अपने कार्य में रूचि नहीं ले रहे हैं और गौवंशों के खान-पान, साफ-सफाई में भी घोर लापरवाही बरत रहे हैं । खण्ड विकास अधिकारी प्रधान ग्राम पंचायत को निर्देशित किया गया कि तत्काल लाल बाबू, केयर टेकर को गौशाला से हटाकर अच्छे केयर टेकर को तैनात किया जाए जो अपने दायित्वों का संपादन समुचित रूप से कर सके ।
पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि उनके द्वारा मृत गौवंशों की सूचना अपने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को दी थी, किन्तु उनके द्वारा अभी तक गौशाला का भ्रमण नहीं किया गया, जो अत्यन्त ही लापरवाही होने के साथ ही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की घोर उदासीनता का परिचायक है। जिलाधिकारी बांदा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का उपरोक्त के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
खण्ड विकास अधिकारीध्ग्राम पंचायत प्रधान ध् पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रथमतः तत्काल गौवंशों के भोजन की चरही की साफ-सफाई कराई जाए । चरही में गौवंशों को पीने हेतु जो पानी भरा है, उसमें साफ पानी भरवाया जाए जिससे कि गौवंश पी सकें । सम्पूर्ण परिसर की नियमित रूप से साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए । गौवंशों के खान-पान हेतु भूसा की भी समुचित व्यवस्था की जाए ।
आयुक्त द्वारा समय-समय पर लिखित रूप से निर्देश निर्गत किए गए हैं कि उप जिलाधिकारी ध् खण्ड विकास अधिकारी संयुक्त रूप से अपने क्षेत्रान्तर्गत संचालित गौशालाओं का निरीक्षण करें और वहाँ जो भी कमियां पाई जायें उन्हें ठीक करायें । परन्तु उक्त गौशाला के भ्रमण से ऐसा नहीं लगता कि उप जिलाधिकारी ध् खण्ड विकास अधिकारी अथवा अन्य अधिकारी नियमित रूप कि पशु गौशालाओं का भ्रमण कर रहे हैं। जिलाधिकारी बांदा से यह भी अपेक्षित है कि उक्त गौशाला की खराब स्थिति के लिए खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सचिव इत्यादि के विरूद्ध भी इनका उत्तरदायित्व निर्धारित कर अपने स्तर से नियमानुसार कार्यवाही करें ।

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