अवधनामा संवाददाता
पैथालॉजी जांच में डॉक्टरों को मिल रहा 60 से 70 प्रतिशत खुला कमीशन
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन में भी जिला चिकित्सालय अयोध्या दलालों के चंगुल से मुक्त नहीं हो पा रहा है। वर्षों से जमे अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से दलालों के मकड़जाल से जिला अस्पताल को मुक्ति मिलने की उम्मीद भी जगी थी लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग के मुखिया के शिथिल रवैया के चलते दलालों की व्यवस्था खत्म नहीं हो पा रही है। जिस कारण से गरीबों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं के स्थान पर छोटी-छोटी समस्याओं में भी चल रहे पैथोलॉजी लैब से बड़ी-बड़ी जांच करवाना पड़ता है। गरीब मरीजो को मेडिकल स्टोर से भारी-भरकम दवाई खरीदनी पड़ रही है।
गौरतलब होकि जिले में तमाम डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस में लगातार लगे हुए है। ये सभी डॉक्टर अपनी ऊंची पहुंच और रसूख के दम पर धनबल का प्रयोग करते हुए सभी के मुंह पर ताला लगा के प्राइवेट प्रैक्टिस में मशगूल हैं। जिसका खामियाजा गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है। एनपीए का लाभ लेकर भी ये डॉक्टर निजी प्रैक्टिस करते हुये सरकारी वेतन के बाद भी मरीजों की सेवा करने से कतराते है।
सूत्रों की माने तो डॉक्टरों को पैथालॉजी सेंटर वाले 60 से 70 प्रतिशत खुला कमीशन देते है जिसकी वजह से मरीजो को डॉक्टरों दौरा धड़ल्ले से जांच लिखने का कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा मरीजो को बाहर की दवा न लिखने के फरमान के चलते अब डॉक्टरों ने उसकी बढ़िया काट निकाल लिया है। सरकारी पर्चे के पीछे पूरी दवा लिखकर उसे पेन से क्रॉस कर देते है। जिससे कि कोई शिकायत होने पर पकड़े न जाय। यह खेल जिला अस्पताल के साथ श्रीराम अस्पताल अयोध्या में काफी दिनों से चल रहा है।
अयोध्या जिला चिकित्सालय में तैनात सरकारी चिकित्सकों की हालत यह है कि जो सरकार से अपने वेतन का 25% अतिरिक्त एनपीए का लाभ लेते हुये भी मरीजों की सेवा से भागते नजर आ रहे हैं।मरीज को अपने निजी क्लीनिकों पर बुलकर उनसे मोटी रकम फीस के रूप में लें रहें हैं।
बताते चले की वर्ष 2012 में सपा सरकार बनी थी उस समय सपा से ही पहली बार अयोध्या विधायक बने युवा सपा नेता तेज नारायण पांडेय पवन ने एक डॉक्टर के आवास पर छापा मारा था। लेकिन उसे भी उन्होंने अपने तरीके से निपटा दिया था। यही लोग अपने को बेदाग व ईमानदार जैसे शब्दों से सम्बोधित भी करते हैं। हो न हो इनके ऊपर किसी न किसी नेता अथवा बड़े लोगों का हाथ भी बताया जा रहा। जिनके बल पर यह बड़े ही दबँगाई के साथ अपनी निजी क्लीनिक का संचालन कर रहें हैं। ऐसे में जनता द्वारा सरकार दी जाने वाले टैक्स की राशि को ऐसे डाक्टरों के हाथों में जाने से जिले की गरीब व असहय जनता केवल नुकसान ही हो रहा हैं। जहां योगी सरकार अपनी स्वास्थ्य योजनाओं का ढ़ोल पीट रहीं हैं। वही गरीबो को इस योजना का लाभ दिलाने वाले अधिकारी मौज काट रहें हैं।जब इस मामले में सीएमओ डॉ अजय राजा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमे ऐसी कोई जानकारी नही है। शिकायत मिली तो जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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