तुवन मन्दिर से डीजे की धुन पर बड़ी धूमधाम व गाजे बाजे के साथ निकाली गई शोभायात्रा
ललितपुर। शहर के इलाइट चौराहा के पास स्थित शिव मन्दिर पर वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेतसिंह जूदेव की जयन्ती खांगर क्षत्रिय समाज के बैनर तले बड़े ही धूमधाम व गाजे बाजे के साथ मनाई गई। इस दौरान सुबह से ही सजातीय बन्धुओ का इलाइट चौराहा के पास स्थित शिव मन्दिर पर आना शुरू हो गया था। महाराजा खेतसिंह जूदेव की जयन्ती पर सर्वप्रथम तुवन मन्दिर से डीजे की धुन पर गाजे बाजे के साथ जय मां गजानन माता, वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेतसिंह जूदेव की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा यात्रा में खांगर क्षत्रिय समाज के सभी लोग अपने सिर पर पगड़ी बांधे हुये चल रहे थे और अपने अपने हाथो में धर्म ध्वजा लेकर डीजे की धुनों पर नृत्य करते हुये एवं जय मां गजानन माता, वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेतसिंह जूदेव के जयकारे लगाते हुये चल रहे थे। शोभायात्रा तुवन मन्दिर से शुरू होकर कम्पनी बाग होते हुये, सदर कांटा, बड़ी पानी की टंकी, जेल चौरहा, ब्याना पुल, इलाइट चौराहा से शिव मन्दिर पर पहुंची। जहां स्थित शिव मन्दिर पर सभी खांगर क्षत्रिय समाज बन्धुओं ने जय मां गजानन माता की गाजे बाजे की साथ आरती की। इसके बाद शिव मन्दिर पर पंचमुखी हनुमान मन्दिर के पंडितजी शिवाजी मालवीय ने बड़े ही विधि विधान व मंत्रोच्चार से भगवान भोलेशंकर का अभिषेक करवाया। नवग ग्रह का पूजन किया, इसके बाद बड़े ही विधी विधान व मंत्रोच्चार से हवन पूजन सम्पन्न कराया गया। पंचमुखी हनुमान मन्दिर के पं.पवन मालवीय भी उपस्थित रहे। साज बाज के साथ भव्य सुन्दरकाण्ड पाठ का आयोजन किया गया। सुन्दर काण्ड के पश्चात धार्मिक भजनों का भी कार्यक्रम चलता रहा। शिव मन्दिर पर धार्मिक कार्यक्रमों की धूमधाम मची रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिवम परिहार ने की, जबकि संचालन खंगार क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष इंजीनियर सनत परिहार ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जय मां गजानन माता, वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेत सिंह जूदेव, वरिष्ठ समाजसेवी रहे स्व.पुरुषोत्तम सिंह परिहार उर्फ परशु व वरिष्ठ समाजसेवी रहे स्व.जसवंत सिंह परिहार (कक्का) के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन व माल्यार्पण के साथ किया गया। वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेत सिंह जूदेव की जयंती के अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि महाराजा खेत सिंह जूदेव खंगार समाज के गौरव रहे है, उनके शासनकाल में कोई भी योद्धा उनके साथ युद्ध करने में हिचकते थे क्योंकि वह रणवीर थे और समाज के गौरव होने के साथ-साथ महाराजा खेत सिंह जूदेव महान योद्धा भी थे। खंगार समाज की उत्पत्ति उनके हाथों में रहने वाले खंग रूपी तलवार से हुई। खंगार के नाम से उद्देश्य खंग यानी तलवार हार यानी दुश्मनों की हार वह जब तलवार चलाते थे तब सिर्फ उनके हाथ ही दिखते थे फुर्तीली तलवार चलाने में माहिर महाराजा खेत सिंह जूदेव द्वारा अपने समाज की रक्षा में विशेष योगदान दिया गया। महाराजा खेत सिंह जूदेव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुये बताया कि महाराजा खेत सिंह जूदेव द्वारा समाजहित में कई अभूतपूर्व कार्य किये गये समाज के गौरव के रुप में अपनी पहचान बनाने वाले वीर शिरोमणि गढ़कुंडार नरेश महाराजा खेत सिंह जूदेव की जयंती खांगर क्षत्रिय समाज द्वारा इलाइट चौराहा के पास स्थित शिव मन्दिर पर प्रत्येक वर्ष बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास से मनाई जाती है। अन्त में शिव मन्दिर पर भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त खांगार क्षत्रिय समाज बन्धुओं ने भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया भण्डारे का कार्यक्रम देर रात्रि तक चलता रहा। इस दौरान शिवम परिहार, सनत परिहार, गणेश परिहार (भैंसाई), प्रमोद परिहार (बरखिरिया), रामस्वरूप परिहार (कल्यानपुरा), राजा सिंह, धीरज परिहार, शक्ति परिहार, राम परिहार, केहर परिहार, एड.रिक्की परिहार, एड.नरेन्द्र परिहार, मनीष परिहार, पवन परिहार, मुकेश परिहार (छिल्ला), कन्छेदी परिहार दादा (बिरधा), रगवर परिहार, ऊदल परिहार, दीपक परिहार, धर्मेन्द्र राय, माधव परिहार, मोनू परिहार, अजीत परिहार, विकास परिहार, कल्यान परिहार, राजू परिहार, नीरज परिहार, मुन्ना परिहार, बब्लू परिहार, गौरव परिहार, राम परिहार, राजेश परिहार, गजेन्द्र परिहार, अनिल परिहार, सुरजीत परिहार, दयाराम परिहार, भजन परिहार, काशीराम परिहार, हरगोविंद परिहार, विक्की परिहार, रक्षपाल सिंह परिहार (खितवांस), अनुराग परिहार सहित समस्त खांगर क्षत्रिय समाज उपस्थित रही।
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