अवधनामा संवाददाता
मोहम्मदी-खीरी(Mohammadi-Kheri)। मोहम्मदी के विकास की गति को ग्रहण सा लग गया है। रेलवे लाईन से वंचित मात्र रोडवेज की बसो पर आश्रित लाखो लोगो को सरकार से बेहतरीन यातायात सुविधा की जो उम्मीद बंधी थी वह भी खत्म हो गयी। पूर्व की अखिलेश सरकार में स्थानीय और सपा का विधायक न होने के उपरान्त भी स्थानीय सपा नेताओ की मांग पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवाहन निगम ने स्थानीय बस स्टेशन को तमाम यात्री सुविधाओ के साथ उच्च स्तरीय परिवाहन सुविधा उपलव्ध कराने के लिये इसे ‘‘माण्डल स्टेशन’’ के रूप में विकसित करने का फरमान जारी कर दिया था। परन्तु पूर्व मुख्यमंत्री के फरमान पर कोई कार्यवाही हो पाती उससे पूर्व ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो गयी और सारे सरकारी कार्यो पर लगे ब्रेक के साथ इसका भी कार्य रूक गया। चुनाव हुए मोदी लहर ने प्रदेश की सत्ता भी बदल दी। जिसने सपा सरकार की तमाम विकास योजनाओ की भाति मोहम्मदी रोडवेज बस स्टेशन के स्वरूप को बदलने के आदेश को भी रोक दिया। और मोहम्मदी के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाला रोडवेज भवन का निर्माण टल गया।
रोडवेज बस स्टेशन का अगर माण्डल स्टेशन के रूप में निर्माण हो जाता तो यात्रियो को तमाम सुविधाओ के साथ-साथ बसो के नए बेड़े का तोहफा भी मिल सकता था। अभी तक मोहम्मदी से मात्र तीन खटारा बसे ही लखनऊ के लिये जाती है। माण्डल स्टेशन बन जाने पर यहां से नई लग्जरी एवं बेल्वो बसो का संचालन भी शुरू हो सकता था तथा लखनऊ ही नही यहां से दिल्ली, कानपुर, बरेली, फरूखाबाद, आगरा, बहराइच, पीलीभीत आदि नगरो महानगरो के लिये भी बसो का संचालन शुरू हो सकता था।