ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली के विरोध में ग्राम पंचायत अधिकारियों का शांतिपूर्ण आंदोलन शुक्रवार को पांचवें दिन भी जारी रहा। सचिवों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कस्बे के खंड विकास अधिकारी कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को संबोधित 10 सूत्री मांगों का ज्ञापन प्रभारी खंड विकास अधिकारी अनिल पाठक को सौंपा।
सचिवों ने ज्ञापन में कहा कि शासन द्वारा 3 नवंबर को जारी आदेश में ग्राम पंचायत अधिकारियों की ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य की गई है, जो व्यवहारिक नहीं है। आंदोलनकारियों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में उपयुक्त संसाधन, नेटवर्क सुविधा और तकनीकी एकरूपता उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण यह प्रणाली प्रभावी रूप से लागू नहीं हो सकती। उन्होंने मांग की कि जब तक आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था न हो जाए, तब तक ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाए।
सचिवों ने यह भी कहा कि शासन स्तर पर संघ पदाधिकारियों के साथ संवाद स्थापित कर सभी मुद्दों का तर्कसंगत और न्यायपूर्ण समाधान निकाला जाए।
इस दौरान उपस्थित सचिवों में नितेश चंदेल, अरविंद कुमार सोनी, अरविंद पाल, अरविंद यादव, भूपेंद्र कुमार, शिवमूरत सिंह, बीरेंद्र पाल, नीरज पटेल, दिगंबर सिंह, उपेंद्र पांडेय, विनोद कुमार वर्मा, राजू सिंह, प्रियंका देवी, स्वाति शर्मा, गिरीश चंद्र, हरी बाबू और भगवान प्रसाद सहित कई पंचायत सचिव मौजूद रहे।





