अवधनामा संवाददाता(शकील अहमद)
समय रहते ठोस कदम नही उठाया गया तो कभी भी हो सकता है मोरबी जैसा हादसा
कुशीनगर। गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद सूबे में भी जर्जर व पुराने पुलों की जांचने की कवायद तेज हो गयी है। इसी कड़ी में जिले के हेतिमपुर में छोटी गंडक नदी पर बना अंग्रेजो के जमाने की पुल भी जर्जर पुलों के लिस्ट में शामिल है। यह पुल कुशीनगर को देवरिया से जोडती है। पुल से आसपास के गांव और कस्बों के हजारों लोगो का आवागमन प्रतिदिन इसी पुल से होता है। वर्ष 1904 मे अंग्रेजों ने इस पुल का निर्माण कराया था। कहना न होगा कि 118 साल पुरानी इस जर्जर पुल से होकर गुजरना जान जोखिम में डालने के बराबर है
काबिलेगौर है कि देवरिया जनपद के सीमा क्षेत्र स्थित यह पुल यह पुल देवरिया जिले की सीमा में स्थित यह पुल हेतिमपुर के पुराने बाजार और कुशीनगर जिले की सीमा में भैसहां सदरटोला में बना है। पहले दोनों जनपद के आपसी संपर्क का यह एकमात्र मार्ग था। लगातार हो रहे हादसे के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर इस पुल के समानांतर एक और पुल बनाया गया है। इसके ठीक सटे फोरलेन बनाते समय एक और पुल बनाया गया लेकिन उन पुलों का उपयोग केवल तेज रफ्तार की गाड़ियों तक ही सीमित है। परिणामस्वरूप दोनों बाजारों और दर्जन भर गांवों के लोगों का आवागमन आज भी इस पुराने पुल से ही होता है।
पुल के पास लगता है मेला
स्थानीय लोगों की माने इस पुल पर उस वक्त खतरा मंडराने लगता है, जब नदी के किनारे भव्य मेले का आयोजन होता है उस समय में हजारों की संख्या में लोगों का एक साथ इस पुल पर आवागमन होता हैं औरम मेले का आनंद लोग इस पुल पर खड़े हो कर लेते हैं। बताया जाता है कि यहां कई घटनाएं हुईं और लोगो को जान भी गंवानी पड़ी। हादसे की वजह रेलिंग के जर्जर होना बताया गया है। मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पूर्व मे जर्जर पुल को संज्ञान मे लेते हुए मरम्मत भी करवाया है लेकिन यह पुल पुनः जगह जगह टूटने लगा है. ऐसे में अगर समय रहते हुए इस पुल को लेकर ठोस कदम नही उठाया गया तो हेतिमपुर घाट पर अग्रेजों द्वारा बनवाया गया यह पुल कभी भी किसी बड़े हादसे का सबब बन सकता है।
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