काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अधिक प्रभावी करते हुए टेस्टिंग कार्य बढ़ाया जाए: मण्डलायुक्त

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Testing work should be increased by making contact tracing more effective: Mandala

अवधनामा संवाददाता

कम्युनिटी किचन को सुचारु रूप से संचालित किया जाए,

सहारनपुर। (Saharanpur) मण्डलायुक्त ए0वी0राजमौलि ने जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार के लिए काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग को और अधिक प्रभावी करते हुए टेस्टिंग कार्य बढ़ाया जाए। किसी भी मरीज को दवाई, आॅक्सीजन, बेड तथा एम्बुलेंस की कमी न होने पाए। प्रत्येक अस्पताल में सभी उपकरण क्रियाशील स्थिति में रहें। उन्होंने कहा कि बड़े निर्माण कार्यों पर संक्रमित मरीजों के लिए हेल्प कोविड डेस्क और पांच बेड का आईसोलेशन केन्द्र बनाये जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिशिचित करें कि निजी अस्पताल ईलाज के नाम पर अधिक धनराशि न वसूलने पाए। ऐसे निजी अस्पतालों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में कम्युनिटी किचन को सुचारु रूप से संचालित किया जाए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को भोजन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए और माॅस्क लगाने के लिए निरन्तर प्रेरित किया जाए। जिस व्यक्ति को जो जिम्मेदारी सौंपी जाए, वह उसका भली प्रकार से निर्वहन करे, तो ही संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सकता है। जनपद स्तर पर अलग-अलग टीम गठित की जाए और जिम्मेदारी सौंपने के साथ ही सम्बन्धित की जवाबदेही भी तय की जाए।

ए0वी0राजमौलि आज मण्डल के सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों, पुलिस अधीक्षक तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल और मेडिकल काॅलेज में आवश्यकतानुसार मैनपावर बढ़ायी जाए तथा कोविड कार्य में कार्यरत कार्मिकों को 25 प्रतिशत अधिक मानदेय से लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) को अधिक से अधिक प्रभावी किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यकता पडने पर तत्काल एम्बुलेंस मुहैया करायी जाए। निजी चिकित्सालय, लैब और एम्बुलेंस नियमों का उल्लंघन करने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। किसी भी मरीज को बेड और चिकित्सीय सुविधा में कमी न होने पाए। कोई भी मरीज दवाई, बेड और आॅक्सीजन के अभाव मंे इधर-उधर न भटके। उन्होंने कहा कि कण्टेनमेण्ट जोन के प्राविधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी कोरोना कफ्र्यू का उल्लघंन करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। बिना कारण सड़कों पर घूमने वालों को भी चिन्हित कर दण्ड़ित किया जाए।

मण्डलायुक्त ने अधिकारियों को वैक्सीनेशन की पहले से प्लानिंग करने के निर्देश दिए, जिससे सभी लोगों को समय से वैक्सीनेशन किया जा सके और वेस्टेज भी न हो। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन सेण्टर पर प्रतीक्षा क्षेत्र और आॅब्जर्विंग क्षेत्र अलग-अलग होने चाहिए। बच्चों, महिलाओं और गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए अलग से नाॅन कोविड अस्पताल डेडिकेट किया जाए। इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए और अफवाह फैलाने वालों पर पैनी निगाह रखी जाए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में मेडिकल किट का वितरण शत-प्रतिशत कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। एक भी संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति मेडिकल किट से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों के माध्यम से लक्षणयुक्त व्यक्ति को तत्काल मेडिकल किट मुहैया कराते हुए उनका नाम, फोन नम्बर, पता आदि की सूची तैयार कर तत्काल इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर को उपलब्ध करायी जाए।

ए0वी0राजमौलि ने कहा कि संदिग्ध और लक्षणयुक्त व्यक्ति का रैपिड रिस्पाॅन्स टीम के माध्यम से जल्द से जल्द जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों, लक्षणयुक्त व्यक्तियांे की एक सूची जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध करायी जाए। जनपद में हो रहे सफाई, सैनिटाइजेशन और फाॅगिंग अभियान के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले कार्यों की सूची भी जनप्रतिनिधियों को दी जाए। जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी कोविड से सम्बन्धित मामलों और इस सम्बन्ध में की गई कार्यवाही की नियमित रूप से समीक्षा करें। साथ ही, जनप्रतिनिधियों के साथ निरन्तर संवाद बनाए रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना और बरसात के मौसम में संक्रमण को रोकने के लिए सैनिटाइजेशन, साफ-सफाई, फाॅगिग आदि की निरन्तर कार्यवाही की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गांव के हर घर के प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाए, जिससे कोरोना पर नियंत्रण पाया जा सके।

मण्डलायुक्त ने कहा कि दैनिक काम करने वाले मजदूरों, स्ट्रीट वेण्डर, नाई, नाविक, मोची, धोबी आदि परम्परागत कामगारों की आजीविका प्रभावित न हो, इस दिशा में भी कार्य करने की जरूरत है। उन्हांेने कहा कि हाई रिस्क कैटेगरी के लोग बाहर न निकलें। यदि अत्यन्त आवश्यक हो, तो मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ ही बाहर निकलें। बैठक में अपर आयुक्त (प्रशासन) डी.पी.सिंह, जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर श्रीमती सेल्वा कुमारी जे, शामली श्रीमती जसजीत कौर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनग अभिषेक यादव, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) सहारनपुर विनोद कुमार सहित सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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