Wednesday, May 21, 2025
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अंतिम सांसें गिन रहा आतंकी हाफिज सईद का राइट हैंड आमिर हमजा, हमले में गंभीर रूप से घायल हुआ भारत का दुश्मन

लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक और हाफिज सईद का करीबी आमिर हमजा अपने घर में रहस्यमयी तरीके से घायल हो गया जिसे ISI की सुरक्षा में लाहौर के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमजा को अमेरिका ने 2012 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। भारत में भी आतंकवादी गतिविधियों में हमजा का नाम काफी आगे है। तीन दिनों पहले लश्कर के एक मुख्य आतंकवादी की हुई थी हत्या।

अभी कुछ दिनों पहले लश्कर का आतंकवादी और प्रमुख भर्तीकर्ता अबू सैफुल्लाह की पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब लश्कर के लिए एक और बुरी खबर सामने आई है जिसके मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा का सह संस्थापक आमिर हमजा को अचानक अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

हमजा क्यों हुआ अस्पताल में भर्ती?

हमजा को अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया है, यह फिलहाल रहस्य है। हालांकि, जानकारी के मुताबिक हमजा अपने घर पर गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसके बाद उसे ISI की सुरक्षा में लाहौर के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

लश्कर के टेलिग्राम चैनल पर जैसे ही हमजा के घायल होने और अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी आई, सभी आतंकियों में घबराहत पैदा हो गई। आतंकियों को फिलहाल यह बताया गया है कि हमजा एक दुर्घटना में घायल हुआ है।

अमेरिका ने हमजा को किया था आतंकवादी घोषित

बता दें, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला शहर से ताल्लुक रखने वाले हमजा को अमेरिका ने 2012 में वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। उसे अफगान मुजाहिदीन के रूप में संदर्भित किया जाता है और हमजा हाफिज सईद और अब्दुल रहमान का करीबी भी माना जाता है।

फिलहाल, हमजा लश्कर का प्रचार-प्रसार संभाल रहा है, लेकिन इससे पहले वो एक सक्रिय आतंकवादी था जो 2000 के दशक की शुरुआत में काफी ज्यादा एक्टिव था। 2005 में बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान पर हुए हमले के पीछे हमजा ही था।

हमजा अभी भी आतंकवाद में है सक्रिय

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अनुसार, लश्कर की केंद्रीय सलाहकार समिति के सदस्य हमजा ने हाफिज मोहम्मद सईद के निर्देशन में लश्कर के अन्य समूहों के साथ संबंधों को सक्रिय रूप से बनाए रखा।

2018 में सईद ने लश्कर और जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध के मद्देनजर जैश-ए-मनकाफा नाम से एक और संगठन बनाया था। इसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि लश्कर के शीर्ष अधिकारियों में दरार आ गई है, जो सिर्फ एक दिखावा निकला।

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